बाजार में कोरोना वायरस संक्रमण की दवा उपलब्ध हो गई है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals) ने ये कारनामा किया है। हालाँकि, ये दवा उन्हीं लोगों पर काम करेगी, जो इस संक्रमण से मामूली रूप से पीड़ित हैं या फिर जो कोरोना वायरस संक्रमण के शुरुआती स्टेज में हैं। इस एंटीवायरल दवा का नाम फेविपिराविर है, जिसे फैबिफ्लू नामक ब्रांड नेम से बाजार में उतारा गया है।
मुंबई की कम्पनी ने शनिवार (जून 20, 2020) को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) द्वारा इस दवा के उत्पादन और मार्केटिंग के लिए पहले ही अनुमति दी जा चुकी है। फैबिफ्लू को कोविड-19 के संक्रमण के इलाज के लिए फेविपिराविर नामक ड्रग या दवा बताया गया है, जिसका उत्पादन कम्पनी कर रही है। ग्लेमार्क फार्मास्युटिकल्स के सीएमडी (CMD) ग्लेन सल्दान्हा ने इसकी पुष्टि की है।
सल्दान्हा ने ध्यान दिलाया कि ये मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या पहले के मुकाबले काफ़ी ज्यादा तेज़ी से बढ़ रही है। अब तक के आँकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3,96,874 हो गई है, जिनमें से 1,69,253 सक्रिय मामले हैं और 2,14,599 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। हालाँकि, 12,972 लोगों की मौत चिंता का विषय है, जिसे लेकर केंद्र सरकार लगातार राज्यों से चर्चा कर रही है। सल्दान्हा ने कहा:
“कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के कारण हमारी हेल्थ सर्विस सिस्टम काफी दबाव में है। मैं आशा करता हूँ कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को बहुत हद तक कम करने में मदद मिलेगी। क्लिनिकल परीक्षणों में फैबिफ्लू द्वारा कोरोना वायरस के हल्के संक्रमण से पीड़ित मरीजों के इलाज के बाद काफी अच्छे परिणाम मिले हैं। यह इंजेक्शन नहीं बल्कि खाई जाने वाली दवा है जो इलाज का एक सुविधाजनक रास्ता है।”
Glenmark Pharmaceuticals on Saturday said it has launched antiviral drug Favipiravir, under the brand name FabiFlu, for the treatment of patients with mild to moderate COVID-19. pic.twitter.com/mQkazeGimj
— kumar surya (@ksurya1007) June 20, 2020उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी कंपनी सरकार और चिकित्सा समुदाय के साथ मिलकर काम करेगी ताकि देशभर में मरीजों को यह दवा आसानी से उपलब्ध कराई जा सके। हालाँकि, बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को नहीं ख़रीदा जा सकेगा। इसकी क़ीमत 103 रुपए प्रति टेबलेट रखी गई है। पहले दिन इसकी 1800 मिलीग्राम की दो खुराक लेनी होगी। उसके बाद अगले 14 दिनों तक 800 मिलीग्राम की दो खुराक लेनी पड़ेगी।
कम्पनी ने बताया है कि कोरोना वायरस के मामूली संक्रमण से पीड़ित ऐसे मरीज जो डाइबिटिज या दिल की बीमारी से पीड़ित हैं, वो भी इस दवा को ले सकते हैं। अकेले शनिवार को देश में कोरोना वायरस के एक दिन में रिकॉर्ड 14,516 मामले सामने आए हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस दवा के बाजार में सक्रिय रूप से उपलब्ध कराए जाने के बाद से रिकवरी रेट में वृद्धि होगी, जिससे राहत मिलेगी।
इससे पहले पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने बताया था कि उनके द्वारा बनाई गई कोरोना की विशेष दवा का प्रयोग हर आयु वर्ग के और हर एक स्टेज के मरीजों पर किया जा चुका है, जिनमें से लगभग सभी रोगियों में 7-8 दिन में कोरोना नेगेटिव पाया गया और कुछ ही रोगियों को ठीक होने में 12-14 दिन लगे। बता दें कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरिद्वार में ‘पतंजलि अनुसंधान संस्थान’ का उद्घाटन किया था।