Thursday, September 12, 2024
Homeविविध विषयअन्यचक दे इंडिया: ओलंपिक के 60 मिनट और भारतीय महिला हॉकी टीम ने रचा...

चक दे इंडिया: ओलंपिक के 60 मिनट और भारतीय महिला हॉकी टीम ने रचा इतिहास

भारत की महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में इतिहास रचा है। ये पहली बार है जब महिला टीम सेमीफाइनल्स में पहुँची, वो भी तीन बार की ओलंपिक चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर।

टोक्यो ओलंपिक 2020 के क्वार्टर फाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम ने 1-0 से ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल्स में जगह बना ली है। इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि भारतीय महिला हॉकी टीम ने सबको हैरान करते हुए इस तरह जीत हासिल की। वो भी उस ऑस्ट्रेलिया को हराकर जो ओलंपिक में तीन बार गोल्ड जीत चुके हों।

इससे पहले भारतीय महिला टीम का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से हुआ था। टीम ने 4-3 से मैच जीतकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी और आज ऑस्ट्रेलिया पर भी मैच के शुरुआत से दबाव बनाए रखा। अब टीम का अगला मैच अर्जेंटीना से होना है।

बता दें कि टोक्यो ओलंपिक से पहले मॉस्को ओलंपिक 1980 में टीम को चौथा स्थान प्राप्त हुआ था। हालाँकि उस समय फॉरमेट अलग थे और कोई नॉक आउट मैच नहीं होते थे।

सोशल मीडिया पर महिला हॉकी टीम की जीत का जश्न मनाया जा रहा है। टीम के सेमीफाइनल्स में पहुँचने के बाद से ही #hockeyindia ट्रेंड पर है। लोग उस पल की वीडियो धड़ाधड़ शेयर कर रहे हैं जहाँ गुरजीत कौर ने शानदार गोल करते हुए भारत का प्रवेश सेमीफाइनल्स में सुनिश्चित किया।

यूजर्स इतने खुश हैं कि वह तरह-तरह से अपनी खुशी बयान कर रहे हैं। कुछ लोग इस जीत के बाद ‘चक दे इंडिया’ कहकर महिला टीम का हौसला बढ़ा रहे हैं। तो कुछ ‘गो फॉर गोल्ड’ कहकर उन्हें शुभकामनाएँ दे रहे हैं।

द स्किन डॉक्टर नामक ट्विटर यूजर लिखते हैं, “शब्द ये बयां नहीं कर सकते कि ये कितना अच्छा लगता है। ऐसे शख्स के लिए जिसने हमेशा अपने दादाजी से विश्व हॉकी इतिहास में भारतीय वर्चस्व के बारे में सुना हो, लेकिन कभी उन्हें वैसे खेलते हुए न देखा हो। यह बिलकुल ऐसा है जैसे सपना सच हुआ हो। गर्व हो रहा है।”

सलोनी यदुवंशी लिखती हैं, “मैं कल ये सोचकर सोई थी कि आखिर भारत को ऑस्ट्रेलिया कितने मार्जिन से हराएगी? या क्या भारत कुछ फायदा उठा पाएगा? मैं खुश हूँ और हर भारतीय भी। ये बयां नहीं किया जा सकता।”

कुछ यूजर्स इस जीत के बाद भारतीय टीम के कोच और ओडिशा सरकार की सराहना भी कर रहे हैं। एक यूजर लिखता है, “हमारा कोच खुशी से रो रहा है। वह ये डिजर्व करता था। उसने भारतीय महिला टीम को बदल कर रख दिया। ओडिशा सरकार शुक्रिया। ये आपको रिटर्न गिफ्ट है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पुणे में गणपति विसर्जन पर खूब बजेंगे ढोल-नगाड़े, CJI चंद्रचूड़ वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दी हरी झंडी: NGT ने लगाई थी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने गणपति विसर्जन में ढोल-ताशे की संख्या पर सीमा लगाने वाले करने वाले NGT के एक आदेश पर रोक लगा दी है।

महंत अवैद्यनाथ: एक संत, एक योद्धा और एक समाज सुधारक, जिन्होंने राम मंदिर के लिए बिगुल फूँका और योगी आदित्यनाथ जैसे व्यक्तित्व को निखारा

सन 1919 में जन्मे महंत अवैद्यनाथ को पहले 'कृपाल सिंह बिष्ट' के नाम से जाना जाता था। उन्हें योगी आदित्यनाथ के रूप में अपना उत्तराधिकारी मिला।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -