Thursday, October 3, 2024
Homeविविध विषयअन्यखेलो इंडिया: बारी-बारी से शीतकालीन खेलों की मेजबानी करेंगे लद्दाख और J&K, रिजिजू ने...

खेलो इंडिया: बारी-बारी से शीतकालीन खेलों की मेजबानी करेंगे लद्दाख और J&K, रिजिजू ने किया ऐलान

रिजिजू ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को सही स्थान पर लगाने के लिए खेलों से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक साल में तीसरे खेलो इंडिया खेल होंगे और सरकार ने स्वदेशी खेलों के लिए भी एक प्रतियोगिता के आयोजन की योजना बनाई है।

केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने बृहस्पतिवार (फरवरी 13, 2020) को घोषणा करते हुए बताया कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख इस महीने पहले ‘खेलो इंडिया’ (Khelo India) शीतकालीन खेलों की मेजबानी करेगा, जबकि मार्च में इस तरह की प्रतियोगिता जम्मू-कश्मीर में आयोजित की जाएगी।

इस महीने लद्दाख और मार्च में जम्मू कश्मीर अपने पहले ‘खेलो इंडिया’ शीतकालीन खेलों की मेजबानी करेगा। खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों की दोनों प्रतियोगिताओं का खर्चा खेल मंत्रालय उठाएगा। पहली प्रतियोगिता लद्दाख में फरवरी के तीसरे हफ्ते, जबकि दूसरी प्रतियोगिता जम्मू-कश्मीर में मार्च के पहले हफ्ते में होगी।

1,700 खिलाड़ी लेंगे हिस्सा

खेलो इंडिया लद्दाख शीतकालीन खेलों में आईस हॉकी चैंपियनशिप, फिगर स्केटिंग और स्पीड स्केटिंग स्पर्धाएँ होंगी और इस प्रतियोगिता का आयोजन ब्लॉक, जिला और केंद्र शासित स्तर पर किया जाएगा। इन खेलों में लगभग 1,700 खिलाड़ियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

खेलो इंडिया जम्मू-कश्मीर शीतकालीन खेल गुलमर्ग के कोंगडोरी में लड़के और लड़कियों के लिए चार आयु वर्ग में होंगे। इन खेलों में 19 से 21, 17 से 18, 15 से 16 और 13 से 14 साल के आयु वर्ग के खिलाड़ी अल्पाइन स्कीइंग, क्रास कंट्री स्कीइंग, स्नो बोर्डिंग और स्नोशूइंग स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे।

केंद्रीय खेल मंत्री रिजिजू ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को सही स्थान पर लगाने के लिए खेलों से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक साल में तीसरे खेलो इंडिया खेल होंगे और सरकार ने स्वदेशी खेलों के लिए भी एक प्रतियोगिता के आयोजन की योजना बनाई है।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने बीते साल 5 अगस्त को आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निष्क्रिय कर दिया था। राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा के साथ और लद्दाख बगैर विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बना।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गिर सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई रोकने से हाई कोर्ट का इनकार, प्रशासन ने अवैध मस्जिदों, दरगाह और कब्रों को कर दिया था समतल: औलिया-ए-दीन...

गुजरात हाई कोर्ट ने 3 अक्टूबर को मुस्लिमों की मस्जिद, दरगाह और कब्रों को तोड़ने पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देने से इनकार कर दिया।

इतना तो गिरगिट भी नहीं बदलता रंग, जितने विनेश फोगाट ने बदल लिए

विनेश फोगाट का बयान सुनने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि राजनीति में आने के बाद विनेश कितनी सच्ची और कितनी झूठी हो गई हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -