‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)’ के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार (मई 5, 2021) को कोरोना वायरस संक्रमण और इससे उपजे आर्थिक संकट को लेकर बात की। समाधान की दिशा में कुछ अहम घोषणाएँ भी की। RBI ने लोगों को 1 दिसंबर 2021 तक लिमिटेड KYC का प्रयोग करने की अनुमति दी है। छोटे वित्तीय बैंकों को 500 करोड़ रुपए तक की संपत्ति वाले छोटे माइक्रोफिनांस संस्थाओं को लोन देने की अनुमति भी दी गई है।
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महात्मा गाँधी को उद्धृत करते हुए कहा कि हमारा विश्वास एक लैंप की तरह होना चाहिए, जो हमेशा जलता रहता है और आसपास के वातावरण को प्रकाशमान रखता है। हालाँकि, उन्होंने माना कि पहली प्राथमिकता लोगों की जान बचानी ही है। उन्होंने आम लोगों, MSMEs और छोटे कारोबारों के लिए ‘लोन रेजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0’ की घोषणा की। 25 करोड़ रुपए तक के लोन लेने वालों को नए रिस्ट्रक्चर प्लान दिए जाएँगे।
पिछले लोन के लिए मोरेटोरियम भी बढ़ाया जाएगा। साथ ही 31 मार्च 2022 तक 50,000 करोड़ रुपए की ऑन-टैप लिक्विडिटी रेपो रेट पर ओपन की गई है। इस योजना के तहत बैंक वैक्सीन निर्माताओं, मेडिकल व्यवस्थाओं, अस्पतालों और मरीजों की मदद कर सकेंगे। 30 मार्च 2021 तक का विदेशी मुद्रा भंडार 588 बिलियन डॉलर (43.4 लाख करोड़ रुपए) का है। RBI गवर्नर ने कहा कि इससे आत्मविश्वास मिलता है कि हम इस परिस्थिति से निपट सकते हैं।
उन्होंने इस बात से संतुष्टि जताई कि अब स्थानीय आधार पर हो रहे लॉकडाउन से कारोबारों को आगे बढ़ने का वक़्त मिल रहा है। अगर मॉनसून सामान्य रहता है तो खाद्य पदार्थों की महँगाई भी काबू में रहेगी। उन्होंने माना कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान नकारात्मक हैं और अनिश्चित है, जिससे इसके नीचे गिरने की आशंका है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि RBI कोरोना की दूसरी लहर में नागरिकों और व्यापारों के लिए सब कुछ करेगा।