रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड (Reliance Jio Infocom Limited) ने दूरसंचार विभाग को 30,791 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम की संपूर्ण देनदारियों को समय से पहले ही चुका दिया है। वर्ष 2014, 2015, 2016 में जियो ने स्पेक्ट्रम हासिल किया था और साथ ही 2021 में भारती एयरटेल लिमिटेड (Bharti Airtel) से भी जियो ने स्पेक्ट्रम खरीदा था। कंपनी ने इन सभी देनदारियों का भुगतान कर दिया है। कंपनी ने नीलामियों और सौदों में 585.3 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया था।
दूरसंचार विभाग ने भुगतान की शर्तों को बनाया लचीला
दूरसंचार कंपनियों के लिए दिसंबर 2021 में दूरसंचार विभाग ने एक पैकेज की घोषणा की थी। इसमें भुगतान की शर्तों को लचीला बनाया गया था, परंतु जियो ने वर्ष 2016 में प्राप्त स्पेक्ट्रम से संबंधित भुगतान की पहली किस्त अक्टूबर 2021 में चुका दी थी। वर्ष 2014 और 2015 में नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम की संपूर्ण डेफर्ड देनदारियों के साथ-साथ ट्रेडिंग के माध्यम से प्राप्त स्पेक्ट्रम की देनदारियों को जियो ने जनवरी 2022 में समय पूर्व भुगतान कर दिया है। ये देनदारियाँ वित्त वर्ष 2022-23 से 2034-2035 तक वार्षिक किश्तों में देय थीं और इसकी ब्याज दर 9.30% से 10% प्रति वर्ष के बीच थी। कंपनी का अनुमान है कि समय से पहले भुगतान करने से केवल ब्याज पर ही सालाना 1,200 करोड़ रुपए की बचत होगी।
अंतरराष्ट्रीय रोमिंग कार्ड की बिक्री के लिए NOC नियमों में संशोधन
दूरसंचार विभाग ने अंतरराष्ट्रीय रोमिंग कार्ड की बिक्री के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) संबंधी नियमों में संशोधन किया है। विभाग ने मंगलवार (18 जनवरी 2022) को जारी बयान में कहा कि यह कदम उपभोक्ता संरक्षण को बेहतर करने के लिए उठाया गया है। विभाग ने कहा कि इस कदम से विदेश जाने वाले भारतीयों को फायदा होगा। साथ ही इससे प्रक्रियाओं को अन्य लाइसेंस की तर्ज पर सुसंगत किया जा सकेगा।
संशोधित नीति के तहत एनओसी धारकों को ग्राहक सेवा, संपर्क ब्योरे, शुल्क प्लान और सेवाओं की पेशकश आदि के बारे में सूचना उपलब्ध कराने के लिए प्रावधान हैं। इसके अलावा बिलिंग और उपभोक्ता शिकायत निपटान को मजबूत करने के लिए भी इसमें प्रावधान किए गए हैं।