Friday, April 26, 2024
Homeविविध विषयअन्य'खेती-किसानी' में फँस गए शाहरुख खान, मामले में 7 साल की सजा का है...

‘खेती-किसानी’ में फँस गए शाहरुख खान, मामले में 7 साल की सजा का है प्रावधान

साल 2016 में बेनामी संपत्ति मामले में कुछ बदलाव हुए थे। जिनके आधार पर अगर कोई व्यक्ति बेनामी संपत्ति मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे 7 साल की सजा हो सकती है।

कुछ समय पहले बॉलीवुड के मशहूर कलाकार शाहरुख खान पर बेनामी संपत्ति को लेकर एक केस दर्ज किया गया था। उस समय तो सहायक प्राधिकरण ने जाँच के बाद किंग खान के ख़िलाफ़ लगे सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया था। लेकिन, अब इस मामले ने दोबारा से तूल पकड़ा है। यह मामला अब आयकर विभाग ने अपने हाथ में ले लिया है और प्राधिकरण के फैसले को चुनौती दी है। जिससे शाहरुख की दिक्कतें बढ़ने के काफ़ी आसार हैं।

यह पूरा मामला शाहरुख के फार्म हाउस से जुड़ा हुआ है। इसे लेकर उन पर आरोप है कि उन्होंने फार्म हाउस की जमीन को खेती करने के उद्देश्य से लिया था लेकिन बाद में उन्होंने इस जमीन पर फार्म हाउस बना लिया।

साल 2016 में बेनामी संपत्ति मामले में कुछ बदलाव हुए थे। जिनके आधार पर अगर कोई व्यक्ति बेनामी संपत्ति मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे 7 साल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही उसे बेनामी संपत्ति की मार्केट कीमत के मुताबिक 25 फीसदी जुर्माना भी लग सकता है। अब इन बदलावों के बाद इसमें फँसने वाली मशहूर हस्तियों में पहला नाम शाहरुख खान का है।

यह मामला सुर्खियों में तब आया जब महाराष्ट्र के डिप्टी कमिश्नर उन 87 प्रॉपर्टी के बारे में जानना चाहे, जिन पर कोस्टल रेगुलेशन कानून के उल्लंघन का आरोप है। इन 87 संपत्तियों में से एक शाहरुख का फार्म हाउस भी है।

महाराष्ट्र टेनेसी एंड एग्रीकल्चर लैंड्स एक्ट के तहत कृषि योग्य ज़मीनों को गैर-कृषि कार्य के लिए इस्तेमाल या ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में शाहरुख का खेती के लिए खरीदी ज़मीन पर फार्म हाउस बनाना, गले की हड्डी बन गया है।

बता दें कि आयकर विभाग ने इस पूरे मामले का आकलन डेजा वु फार्म्स को बेनामदार और शाहरुख खान को फायदा लेने वाला बताते हुए किया था। बेनामी संपत्ति मामले में हुए बदलाव में बेनामदार और फायदा पहुँचने वाले शख्स को सजा मिलने का प्रावधान है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

इस्लामी-वामी फिलीस्तीन समर्थकों का आतंक देख US भूला मानवाधिकारों वाला ज्ञान, भारत के समय खूब फैलाया था प्रोपगेंडा: अमेरिका का दोहरा चरित्र बेनकाब

यूएस आज हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यही काम जब भारत ने देश में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए करता है तो अमेरिका मानवाधिकारों का ज्ञान देता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe