Sunday, October 6, 2024
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‘जय श्री राम’ से पाकिस्तानियों ही नहीं बल्कि सनातन विरोधी उदयनिधि स्टालिन को भी लगी मिर्ची, कह रहे पड़ोसी मुल्क के लोग – ‘बाप हैं हम’ के नारे की ICC से करेंगे शिकायत

अहमदाबाद में 'जय श्री राम' और 'बाप बाप ही होता है' के नारों से न सिर्फ पाकिस्तानियों को मिर्ची लग गई, बल्कि कुछ एंटी हिंदू एलिमेंट्स में हिंदुस्तान के अंदर भी बेचैनी बढ़ गई।

अहमदाबाद में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट विश्व कप का मुकाबला खेला गया। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पाकिस्तानी टीम बुरी तरह से हारी। भारतीय टीम ने 50 ओवरों के विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ लगातार आठवाँ मुकाबला जीता, जो 7 विकेट के बड़े अंतर से था। ये मैच एक लाख से अधिक दर्शकों की उपस्थिति में खेला गया, जिसे दुनिया भर के करोड़ों लोगों ने टीवी-ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के माध्यम से भी देखा।

ये मैच पाकिस्तान की बुरी हार के साथ ही भारत की जनता की एकजुटता के लिए भी जाना जाएगा, जिसमें अहमदाबाद के दर्शकों ने न सिर्फ एकजुटता प्रदर्शित करने वाला ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया, बल्कि पाकिस्तानियों को याद भी दिलाया कि ‘बाप आखिर बाप ही होता है।’

अहमदाबाद में ‘जय श्री राम’ और ‘बाप बाप ही होता है’ के नारों से न सिर्फ पाकिस्तानियों को मिर्ची लग गई, बल्कि कुछ एंटी हिंदू एलिमेंट्स में हिंदुस्तान के अंदर भी बेचैनी बढ़ गई। तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन खेल भावना की दुहाई और ‘अतिथि देवे भव’ की बात करने लगे, तो पाकिस्तानी इसकी शिकायत आईसीसी से करने की माँग करने लगे। कुछ चुनिंदा ट्वीट्स आपको दिखाते हैं।

पाकिस्तान में एक क्रिकेट वेबसाइट चलाने वाले फरीद खान ने इस मामले में पीसीबी से कहा कि वो आईसीसी से शिकायत करे। उसने शिकायत भी सुझाए हैं, जो निम्नलिखित हैं:

1- बाबर आजम को भारतीय फैंस ने जमकर चिढ़ाया।

2- भारतीयों ने ‘तुम्हारे बाप हैं हम’ के नारे लगाए, वो भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को निशाना बनाकर।

3- स्टेडियम में ‘दिल दिल पाकिस्तान’ गाना नहीं बजाया गया।

वो आगे बोलता है कि आप लोगों का दिल बड़ा नहीं है। हालाँकि, फरीद खान को ये ध्यान रखना चाहिए कि स्टेडियम में पाकिस्तानी फैन थे ही नहीं, तो ‘दिल-दिल पाकिस्तान’ किसके लिए बजाया जाता? बाकी बाबर आजम को चिढ़ाना कोई नई बात नहीं। सभी खिलाड़ी चिढ़ाए जाते हैं। नवीन उल हक तो लगातार कोहली के नाम से चिढ़ाए जाते रहे हैं। रही बात तीसरे की, तो फैक्ट्स पर क्या ही बात करें? उस पर पाकिस्तानियों को जवाब नहीं सूझेगा।

पाकिस्तानी बेहरम काजी का दर्द तो एकतरफा है। उनकी टीम को भारत में वर्ल्ड कप खेल कर पैसे भी चाहिए और दर्शकों के जोश का सामना करने की हिम्मत भी नहीं है।

दर्शकों पर गुस्सा उतार रहे पाकिस्तानी

हैदर इकबाल नाम के पाकिस्तानी की हालत तो देखिए, वो अहमदाबाद के दर्शकों पर ही निशाना साधने लगा। क्या है न, ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’ वाली कहावत उसपर पूरी तरह से फिट बैठ रही है।

‘खेल को नफरत का हथियार बनाना गलत’

पाकिस्तानियों का दर्द तो समझ में आता है। लेकिन, उदयनिधि स्टालिन का दर्द है कि खत्म ही नहीं होता। वो सनातन विरोध करते करते उसी सनातन के संस्कारों की दुहाई भी दे रहे हैं। उदयनिधि स्टालिन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “भारत अपनी खेल भावना और आतिथ्य सत्कार के लिए प्रसिद्ध है। हालाँकि, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ किया गया व्यवहार एक नए निचले स्तर पर पहुँच गया। खेल को देशों के बीच एकजुटता लाने वाली ताकत बनाना चाहिए और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए। इसे नफरत फैलाने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना बेहद गलत है।”

बता दें कि ये वही उदयनिधि स्टालिन हैं, जिन्होंने सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया कहकर मिटाने की बात कही थी। बाद में भी वो अपने बयान पर कायम रहे। उदयनिधि स्टालिन इंडी गठबंधन में कॉन्ग्रेस की साथी पार्टी डीएमके का नेता है और तमिलनाडु के मौजूदा मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे, साथ ही वो खुद तमिलनाडु सरकार में युवा और खेल मामलों के मंत्री हैं। चूँकि उनकी पूरी राजनीति ही सनातन विरोध पर टिकी है, ऐसे में वो हिंदू और सनातन विरोध करते ही रहेंगे।

लेकिन, इसकी आड़ में वो देश विरोधी बाते भी करेंगे, तो ये बेहद गलत संदेश जाएगा। उदयनिधि के ट्वीट का तो यही मतलब है कि अहमदाबाद और भारत की संस्कृति ही गलत दिशा में जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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