Saturday, July 27, 2024
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अंटार्कटिका में टूटा 170 KM लंबा, 25 KM चौड़ा दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड, क्या है खतरा, क्यों टूटा? जानिए

वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके टूटने से तुरंत समुद्र के जलस्तर के बढ़ने के कोई आसार नहीं है, लेकिन ये ग्‍लेशियर्स के बहाव की गति को धीमा कर सकता है।

अंटार्कटिका महाद्वीप में दुनिया का का सबसे बड़ा हिमखंड टूटकर अलग हो गया है। इसे करीब 170 किमी लंबा और 25 किमी चौड़ा बताया जा रहा है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी के कॉपरनिकस सेटेलाइट से खींची तस्वीरों के मुताबिक, यह रोने आइस शेल्फ से टूटकर अलग हुआ है, जिसे A-76 नाम दिया गया है। टूटने के बाद ये हिमखंड वेड्डले सागर में तैर रहा है। यूएस नेशनल आइस सेंटर के मुताबिक, यह 13 मई 2021 को टूटा था।

यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने कहा है कि करीब 4325 वर्ग किमी से अधिक के क्षेत्रफल वाला आइसबर्ग A-76 न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड से बड़ा है और प्यूर्टो रिको के आकार से आधा का बताया जा रहा है। ये इतना बड़ा है कि दिल्ली (1483 वर्ग किमी) जैसे तीन शहर उसमें समा सकते हैं।

”हिमखंड टूटने की घटना प्राकृतिक”

वैज्ञानिकों ने कहा है कि करीब 4 हजार वर्ग किमी से अधिक के क्षेत्र वाला यह विशाल आइसबर्ग अब धीरे-धीरे आगे की ओर खिसक रहा है। इसके टूटने की खबर का खुलासा सबसे पहले अंटार्कटिका सर्वे की टीम ने किया था। हालाँकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके टूटने से तुरंत समुद्र के जलस्तर के बढ़ने के कोई आसार नहीं है, लेकिन ये ग्‍लेशियर्स के बहाव की गति को धीमा कर सकता है।

हालाँकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके टूटने के पीछे ग्लोबल वार्मिंग नहीं, बल्कि प्राकृतिक कारण हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अंटार्कटिका महाद्वीप धरती के दूसरे हिस्सों की अपेक्षा बहुत अधिक तेजी से गर्म हो रहा है और ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हिमखंडों के टूटने से 1880 के बाद से अब तक समुद्र का जलस्तर 9 इंच तक बढ़ चुका है।

तेजी से गर्म हो रहा अंटार्कटिका

नेशनल स्नो एँड आइस डेटा के मुताबिक, इससे फिलहाल जलस्तर में किसी प्रकार बढ़ोतरी नहीं हो रही है, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर इसमें इजाफा हो सकता है।

पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च (PICIR) ने दावा किया है कि पिछले 100 वर्षों में दुनिया के समुद्र तल में 35 फीसदी की बढ़ोतरी केवल ग्लेशियरों के पिघलने से हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 महीने पहले भी अंटार्कटिका में एक आइसबर्ग टूटकर अलग हो गया था। उसे वैज्ञानिकों ने 68 ए नाम दिया था। यह आइसबर्ग अंटार्कटिका की लार्सन सी चट्टान से टूटा था और यह करीब 5,800 वर्ग किमी का था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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