Friday, October 11, 2024
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1 फरवरी से सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण, जानिए किन्हें मिलेगा लाभ

अब विश्वविद्यालयों व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी सामान्य वर्ग के ग़रीबों को आरक्षण दिया जाएगा। इसे इसी साल लागू किए जाने की उम्मीद है। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय अलग से अधिसूचना जारी करेगा।

1 फरवरी से सामान्य वर्ग के ग़रीबों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलने लगेगा। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब 1 फरवरी के बाद से सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए जो भी रिक्तियाँ निकाली जाएगी, उनमे सामान्य वर्ग के ग़रीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी करते हुए कहा कि सालाना ₹8 लाख से कम आय वाले लोगों को ये सुविधा दी जाएगी। इस आदेश के क्रियान्वयन के लिए अलग से रोस्टर जारी किया जाएगा।

DoPT के संयुक्त सचिव ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने शनिवार (जनवरी 19, 2019) देर रात अधिसूचना जारी करते हुए कहा:

“संसद ने संविधान में संशोधन कर ग़रीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र के सभी पदों एवं सेवाओं के लिए 1 फरवरी 2019 से अधिसूचित होने वाली सभी प्रत्यक्ष भर्तियों पर इसे लागू किया जाता है।”

विधेयक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 13 जनवरी को हस्ताक्षर कर दिए थे। इस से पहले विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया था। गुजरात इस क़ानून को लागू करने वाला पहला राज्य बना। इसके बाद गुजरात, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने अपने-अपने राज्यों में इसे लागू किया।

अभी देश में आरक्षण की सीमा 49.5 प्रतिशत है लेकिन नए विधेयक के लागू होने के बाद ये 59.5 प्रतिशत तक पहुँच गई है। इनमे अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है।

ताज़ा आरक्षण का लाभ लेने के लिए किसी व्यक्ति को इन चार मानकों पर खरा उतरना होगा:

  • उसके परिवार की सालाना आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए।
  • घर का क्षेत्रफल 1000 वर्ग फ़ीट से बड़ा नहीं होना चाहिए।
  • पाँच एकड़ से अधिक की कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए।
  • गैर अधिसूचित स्थानीय निकायों में 200 गज से बड़ा घर नहीं होना चाहिए।
  • अधिसूचित नगर निगम में 100 गज से ज्यादा बड़ा प्लॉट नहीं होना चाहिए।

उपर्युक्त मानकों पर खरा उतरने के बाद ही किसी व्यक्ति को इस आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके लिए आय एवं संपत्ति से जुड़ा एक प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा जो तहसीलदार या उस से उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा प्रमाणित होना चाहिए। आरक्षण का लाभ सभी केंद्रीय मंत्रालयों, लोकसेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, लोकसभा, राज्यसभा, रेलवे, बैंक, केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों और केंद्रीय सचिवालय की सेवाओं में मिलेगा।

अब विश्वविद्यालयों व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी सामान्य वर्ग के ग़रीबों को आरक्षण दिया जाएगा। इसे इसी साल लागू किए जाने की उम्मीद है। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय अलग से अधिसूचना जारी करेगा।

10 प्रतिशत आरक्षण वाले विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है। एक NGO ने अदालत में इसके ख़िलाफ़ याचिका दायर कर इसे रद्द करने की माँग की है। याचिका में इस विधेयक को ग़ैरक़ानूनी बताया गया है और कहा गया है कि ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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