हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण बिल को राज्य में मंजू़री दे दी है। इससे पहले गुजरात, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस बिल को मँजू़री मिल चुकी है। गुजरात पहला ऐसा राज्य था, जहाँ इसे म़ँजूरी मिली थी। बिल लागू होने के बाद से अब सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
Himachal Pradesh government approves 10% reservation given by Central Government in government jobs and education to economically weaker section in the general category
— ANI (@ANI) January 19, 2019
बिल को मिल चुकी है राष्ट्रपति की मँजू़री
संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद संविधान संशोधन (124वां) विधेयक, 2019 को 12 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मँजू़री दे दी थी। इस संशोधन में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को सरकारी नौकरियों और शिक्षा क्षेत्र में 10% आरक्षण का प्रावधान है।
बिल के विरोध में खड़ी DMK पार्टी
सामान्य वर्ग के आरक्षण बिल को राष्ट्रपति से म़ँजूरी मिलने के बाद से डीएमके पार्टी इसका विरोध कर रही थी। डीएमके ने बिल पर विरोध जताते हुए इसके खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। हाई कोर्ट में दायर याचिका में डीएमके ने कहा है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान के मूल ढाँचे के ख़िलाफ़ है। पार्टी के अनुसार संविधान के हिसाब से आर्थिक रूप से कमजोर लोग आरक्षण के योग्य नहीं हैं।