Sunday, September 15, 2024
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सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण लाभ मामले में हिमाचल बना चौथा राज्य

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण (आर्थिक रूप से पिछड़े) देने वाले बिल को मँजू़री दे दी है। इससे पहले गुजरात, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस बिल को मँजू़री मिल चुकी है

हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण बिल को राज्य में मंजू़री दे दी है। इससे पहले गुजरात, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस बिल को मँजू़री मिल चुकी है। गुजरात पहला ऐसा राज्य था, जहाँ इसे म़ँजूरी मिली थी। बिल लागू होने के बाद से अब सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

बिल को मिल चुकी है राष्ट्रपति की मँजू़री

संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद संविधान संशोधन (124वां) विधेयक, 2019 को 12 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मँजू़री दे दी थी। इस संशोधन में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को सरकारी नौकरियों और शिक्षा क्षेत्र में 10% आरक्षण का प्रावधान है।

बिल के विरोध में खड़ी DMK पार्टी

सामान्य वर्ग के आरक्षण बिल को राष्ट्रपति से म़ँजूरी मिलने के बाद से डीएमके पार्टी इसका विरोध कर रही थी। डीएमके ने बिल पर विरोध जताते हुए इसके खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। हाई कोर्ट में दायर याचिका में डीएमके ने कहा है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान के मूल ढाँचे के ख़िलाफ़ है। पार्टी के अनुसार संविधान के हिसाब से आर्थिक रूप से कमजोर लोग आरक्षण के योग्य नहीं हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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