दक्षिण भारतीय राज्य केरल में कोरोना संकट के बीच निपाह वायरस ने भी कहर मचा रखा है। रविवार (5 सितंबर 2021) को निपाह वायरस के संक्रमण की चपेट में आने के बाद 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। निपाह वायरस से राज्य में यह पहली मौत है जो कोझिकोड जिले में हुई है। इस बीच प्रशासन ने बच्चे के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को तुरंत अपनी जाँच कराने का सुझाव दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे में पहले इन्सेफ्लाइटिस का लक्षण नजर आया था, लेकिन जाँच के बाद निपाह का पता चला है। नए संकट की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार (4 सितंबर 2021) रात को ही एक हाई लेवल मीटिंग कर हालात पर चर्चा की। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कहना है कि मृतक बच्चे के शुरुआती 188 संपर्कों को ट्रेस कर लिया गया है। अब इन सभी को मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया जाएगा। इन 188 लोगों में से 20 लोग हाई रिस्क कैटेगरी में रखे गए हैं।
उच्च जोखिम वाले लोगों को कोझिकोड शीर्ष सरकारी अस्पताल कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में नए खुले आइसोलेशन वार्ड में निगरानी में रखा जाएगा। वहीं मंत्री ने कहा है कि निपाह वायरस के फैलाव को देखते हुए बच्चा कहाँ-कहाँ गया और किस-किस से मिला इसका एक रूट मैप जारी किया जाएगा। इस बीच 2 अन्य लोगों में भी इस जानलेवा वायरस का संक्रमण पाया गया है।
केंद्र ने केरल भेजी टीम
कोरोना संकट के बीच निपाह वायरस के सामने आने के बाद केंद्र चौकन्ना हो गया है। इस बीच केंद्र सरकार एक टीम केरल भेजी है, जो कि राज्य के अधिकारियों को तकनीकी तौर पर मदद करेंगे।
2018 में वायरस ने ली थी 17 जानें
केरल में दूसरी बार निपाह वायरस ने दस्तक दी है। इससे पहले साल 2018 में राज्य के कोझिकोड और मलप्पपुरम जिले में इससे 17 लोगों की मौत हुई थी। यह वायरस सुअर और चमगादड़ों से इंसानों में फैल सकता है। खास बात ये है कि अब तक इसका कोई इलाज नहीं मिल सका है।