पश्चिम बंगाल में प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए कम से कम 37 राशन डीलरों को गिरफ्तार किया। वहीं, पुलिस ने 42 अन्य लोगों के लाइसेंस रद्द कर दिए। इन लोगों पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) वस्तुओं के दुरुपयोग में कथित रूप से शामिल होने का आरोप है।
पुलिस की तरफ से कहा गया है कि राशन के मुद्दे पर फर्जी खबर बनाने और प्रसारित करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस मामले में एक ट्वीट कर कहा, “अप्रैल महीने में 21,200 राशन की दुकानों से 9 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन दिया गया।”
दरअसल, राज्य भर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली आउटलेट्स के बाहर झड़प की शिकायत मिल रही थी। स्थानीय लोगों का कहना था कि पीडीएस आउटलेट्स पर राशन का सही से वितरण नहीं हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने राज्य की ममता सरकार पर केन्द्र से गरीबों के लिए मिलने वाले राशन को राइस मिलों को बेचने का आरोप लगाया था। इसे साबित करने के लिए सुप्रियो ने इसका एक वीडियो भी शेयर किया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रक पर सैकड़ों बोरे में भरकर चावल राइस मील के अंदर लाया गया है। सुप्रियो ने ट्वीट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा था कि आखिर मुख्यमंत्री यह बताएँ कि बंगाल में गरीबों के लिए केंद्र सरकार जो राशन भेज रही है, उसे राशन मील को क्यों बेच रही है? उन्होंने दावा किया है कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता इस राशन बिक्री में शामिल हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इसके लिए अनुमति मिली हुई है।
इससे पहले मुर्शिदाबाद में ख़राब राशन मिलने के बाद लोगों ने हंगामा किया था और साथ ही सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी भी की थी। वायरल हुए वीडियो में लोग मारामारी करते हुए और कुर्सी उठा-पटक करते दिख रहे थे। लोगों का कहना है कि पीडीएस प्रणाली के तहत उन्हें काफ़ी ख़राब गुणवत्ता वाला राशन दिया जा रहा है।
लोगों का ये भी कहना था कि ममता के पश्चिम बंगाल में न सिर्फ़ घटिया राशन दिया जाता है बल्कि काफ़ी कम मात्रा में भी दिया जाता है। लोगों ने पुलिस के सामने ही तोड़फोड़ मचाई। बाद में पुलिस ने किसी तरह मामले को काबू किया भीड़ ने राशन डीलर हलीम शेख के घर की कई चीजें तोड़ डालीं। भीड़ ने राशन डीलर हलीम शेख के घर की कई चीजें तोड़ डालीं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी हाल ही में राज्य में पीडीएस पर चिंता व्यक्त की थी। राज्यपाल ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि निशुल्क राशन गरीबों के लिए हैं, तिजोरियों में बंद करने के लिए नहीं है। धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।