इसमें कोई शक नहीं है कि नागरिकता कानून (CAA) के विरोध के नाम पर दिल्ली में हुई हिंसा हिन्दुओं के खिलाफ करीब तीन महीनों से चली आ रही साजिश का ही नतीजा था। शाहीन बाग़ जैसे षड्यंत्रों पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि यह मात्र प्रयोग हैं। इसके कुछ समय बाद ही यह विरोध अपने पूरे रूप में हिंसक खिलाफत-2 जैसे आंदोलन की शक्ल में बाहर आया।
इस हिंसा में ना सिर्फ हिन्दुओं को चिह्नित करके मारा गया, बल्कि उनके परिवार के साथ बसलूकी भी की गई, परिवार की महिलाओं और बेटियों के साथ अश्लील हरकत करने से लेकर पवित्र मंदिरों को भी हिंसक मुस्लिम भीड़ ने अपना निशाना बनाया। इन दंगों में एक सबसे बड़ा नाम आम आदमी पार्टी नेता ताहिर हुसैन का भी आया है।
दरअसल, जब आम आदमी पार्टी नेता ताहिर हुसैन से पूछा गया कि आखिर उनके घर पर पेट्रोल बम, गुलेल, पत्थर और एसिड कैसे आए तो उन्होंने कहा कि ये सब उन्हें फँसाने की साजिश है। जबकि ग्राउंड रिपोर्ट में स्पष्ट देखा गया कि हिन्दुओं पर हमला करने के लिए पहले से ही उनके घर पर ये सब हथियार पहले से ही रखे गए थे।
दिल्ली में हुए दंगों पर चर्चा पर सेना से रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या मौजूद थे। चर्चा में मौजूद डिफेंसिव ऑफेंस यूट्यूब चैनल चलाने वाले वैभव सिंह ने कहा था कि यहाँ कोई नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन नहीं था बल्कि पूर्व नियोजित हिन्दू विरोधी दंगा था। चर्चा के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हुई निर्मम हत्या से लेकर दिलबर नेगी की हत्या पर बात की गई।
मेजर गौरव आर्या ने कहा कि सेलेक्टिव तरीके से दंगों की रिपोर्टिंग करने वाले मीडिया वालों को उनके हिसाब से चलने दिया जाना चाहिए, लेकिन बाकी लोग अपने अनुसार जरूर विरोध करें। शाहीन बाग़ पर मेजर आर्या ने कहा कि यह पूरी तरह से गुंडागर्दी ही है क्योंकि कुछ लोगों ने मिल जुलकर व्यवस्था को ठप करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि ताहिर हुसैन जैसे लोगों ने जिस क्रूरता का परिचय दिया असल में वो साबित ही यही करना चाहते हैं कि उन्हें देख कर इतना डर जाना चाहिए।
बातचीत के दौरान मेजर गौरव आर्या ने कहा कि भारत में कट्टरपंथ आज से ही नहीं बल्कि कई सदियों से है। उन्होंने कहा कि इसे साल दर साल संस्थागत करने की कोशिश की जाती रही हैं। यही कश्मीर में किया जाता रहा है और यही प्रयोग अब देशभर में किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने अपने अनुभव के बारे में भी बताया।