Saturday, April 20, 2024
Homeदेश-समाजक्या राज्य मदरसों को फंड दे सकता है? HC ने योगी सरकार से पूछे...

क्या राज्य मदरसों को फंड दे सकता है? HC ने योगी सरकार से पूछे ये 5 सवाल, मौलवी सुफियान ने उठाए ‘हिन्दू त्योहारों’ पर सवाल

यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने प्रबंध समिति मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम की याचिका पर दिया है। मदरसे ने अतिरिक्त पदों पर भर्ती के लिए माँगी गई अनुमति को योगी सरकार द्वारा खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए धार्मिक शिक्षा पर फंडिंग को लेकर बुधवार (1 सितम्बर, 2021) को यूपी की योगी सरकार से कई बिंदुओं पर जानकारी माँगी है। हाईकोर्ट ने सवाल किया कि क्या एक धर्म निरपेक्ष राज्य मदरसों को फंडिंग कर सकता है? क्या संविधान के अनुच्छेद-28 के तहत मदरसे धार्मिक शिक्षा और पूजा पद्धति की शिक्षा दे सकते हैं? यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने प्रबंध समिति मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम की याचिका पर दिया है। मदरसे ने अतिरिक्त पदों पर भर्ती के लिए माँगी गई अनुमति को योगी सरकार द्वारा खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट ने योगी सरकार से ये भी पूछा कि क्या मदरसों में महिलाओं को प्रवेश मिलता है? अगर नहीं मिलता तो क्या ये विभेदकारी नहीं है? हाईकोर्ट ने पूछा है कि स्कूलों में खेल मैदान रखने के अनुच्छेद 21 व 21ए की अनिवार्यता का पालन किया जा रहा है? क्या अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के धार्मिक शिक्षा संस्थानों को सरकार फंड दे रही है? कोर्ट ने पूछा कि क्या मदरसे संविधान के अनुच्छेद 25 से 30 तक प्राप्त मौलिक अधिकारों के तहत सभी धर्मों के विश्वास को संरक्षण दे रहे हैं?

हाईकोर्ट ने राज्य की योगी सरकार से पूछे ये सवाल

  1. क्या मदरसे अनुच्छेद 28 के तहत धार्मिक शिक्षा दे सकते हैं?
  2. क्या सरकार दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों के धार्मिक शिक्षा संस्थानों को फंड दे रही है?
  3. क्या मदरसों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक है?
  4. क्या मदरसे 25 से 30 तक प्राप्त मौलिक अधिकारों के तहत सभी धर्मों के विश्वासों को संरक्षण दे रहे हैं?
  5. क्या यहाँ अनुच्छेद 21 और 21ए के तहत खेल के मैदान हैं?

कोर्ट ने इन सभी सवालों का राज्य की योगी सरकार से चार हफ्ते में जवाब माँगा है। याचिका की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।

यह आदेश जस्टिस अजय भनोट ने प्रबंध समिति मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम की याचिका पर दिया है. यह मदरसा, मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है और राजकीय सहायता प्राप्त है। कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि मदरसों के पाठ्यक्रम, शर्तें, मान्यता का मानक, खेल मैदान की अनिवार्यता के पालन किया जा रहा है।

हाईकोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या धार्मिक शिक्षा देने वाले अन्य धर्मों के लिए कोई शिक्षा बोर्ड है? कोर्ट ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्ष राज्य की स्कीम है तो सवाल है कि क्या पंथनिरपेक्ष राज्य धार्मिक शिक्षा देने वाले स्कूलों को फंड दे सकती है। सरकार की ओर से जवाब दाखिल होने पर कोर्ट मामले की सुनवाई करेगी।

वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मौलवी सुफियान निजामी ने कहा, “अदालत को यह समझने की जरूरत है कि मदरसों में केवल धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाती। इसके अलावा राज्य सरकार दूसरे समुदायों से जुड़ें त्योहारों एवं धार्मिक आयोजनों पर भी पैसे खर्च करती है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बच्चा अगर पोर्न देखे तो अपराध नहीं भी… लेकिन पोर्नोग्राफी में बच्चे का इस्तेमाल अपराध: बाल अश्लील कंटेंट डाउनलोड के मामले में CJI चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़े मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

मोहम्मद जमालुद्दीन और राजीव मुखर्जी सस्पेंड, रामनवमी पर जब पश्चिम बंगाल में हो रही थी हिंसा… तब ये दोनों पुलिस अधिकारी थे लापरवाह: चला...

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा को रोक पाने में नाकाम थाना प्रभारी स्तर के 2 अधिकारियों को सस्पेंड किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe