Sunday, May 18, 2025
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‘ट्रैफिक जाम था, दौड़कर कोर्ट आई हूँ’ : अदालत पहुँचने में लेट हुईं महिला वकील, जज ने ट्रैफिक SP से जवाब माँगा

जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने प्रयागराज के ट्रैफिक एसपी से पूछा है कि ट्रैफिक जाम से शहर को बचाने के लिए क्या इंतजाम हैं? इतना ट्रैफिक क्यों लगता है? महिला वकील को 1 घंटे इस ट्रैफिक में क्यों फँसना पड़ा?

इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक महिला वकील केस की सुनवाई के दौरान ट्रैफिक जाम के कारण लेट हुईं तो न्यायाधीश ने ऑर्डर दिया कि इस मामले में ट्रैफिक एसपी आकर अदालत को जवाब दें। मामला बुधवार (22 सितंबर 2022) का है। अदालत ने ट्रैफिक एसपी से कोर्ट में 23 सितंबर को पेश होने को कहा है।

जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने प्रयागराज के ट्रैफिक एसपी से ट्रैफिक जाम से निजात पाने के लिए योजनाएँ बनाकर लाने को कहा। उन्होंने पूछा कि ट्रैफिक जाम से शहर को बचाने के लिए क्या इंतजाम हैं? इतना ट्रैफिक क्यों लगता है? महिला वकील को 1 घंटे इस ट्रैफिक में क्यों फँसना पड़ा?

बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में बुधवार को तैयबा नाम की महिला के केस की सुनवाई चल रही थी। तैयबा ने अपने शौहर से गुजारा भत्ते की माँग पहले निचली अदालत में की थी। इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की। केस में तैयबा की वकील सहर नकवी हैं। बुधवार को केस की तीसरी सुनवाई हाई कोर्ट में जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की बेंच के समक्ष होनी थी। लेकिन नकवी समय से कोर्ट पहुँचने में लेट हो गई। जिसकी वजह उन्होंने ट्रैफिक जाम को बताया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को वकील सहर नकवी को उच्च न्यायालय के पास ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा। उन्हें अपनी कार उच्च न्यायालय के गेट से लगभग 1 किमी दूर खड़ी करनी पड़ी। वहाँ से उन्हें दौड़ कर कोर्ट तक आना पड़ा। शाम 4 बजे से पहले कोर्ट नहीं पहुँचने के कारण अदालत ने यह केस खारिज कर दिया। महिला वकील को केस खारिज होने की जानकारी मिली, तो उन्होंने अदालत से इस मामले की सुनवाई आगे करने की गुहार लगाई।

उन्होंने (नकवी) अदालत को जानकारी दी कि वह नोटिस की कॉपी व दूसरे दस्तावेज अपने साथ लाई हैं। उन्हें कोर्ट पहुँचने में सिर्फ इसलिए देरी हुई क्योंकि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक जबरदस्त जाम लगा हुआ था। वह करीब एक घंटे तक जाम में फँसी रहीं। जाम से निकलने की उम्मीद खत्म होने पर वह अपनी कार बीच रास्ते में छोड़कर पैदल ही कोर्ट आई हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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