भारतीय सेना पर फालतू आरोप लगाने और विदेशी मंचों पर भारत को बदनाम करने वाला बयान देने के लिए कुख्यात अरुंधति रॉय ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एक बार फिर से डिटेंशन सेंटर का राग अलापा। बता दें कि वामपंथी लगातार दावा करते हैं कि देश के सभी मुस्लिमों को प्रताड़ना कैम्पों में भेज दिया जाएगा और मोदी सरकार एनआरसी लागू कर उनकी नागरिकता छीन लेगी। सरकार कई बार साफ़ कर चुकी है कि अब तक पूरे देश में एनआरसी लागू करने के सम्बन्ध में कोई आधिकारिक चर्चा नहीं हुई है। लेकिन वामपंथी और विपक्षी दल लगातार अफवाह फैलाने में व्यस्त हैं।
अरुंधति ने इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जनगणना से पहले होने वाली एनपीआर की प्रक्रिया के दौरान जब कोई आपका नाम-पता पूछने आए तो नाम ‘रंगा-बिल्ला’ और पता ‘7 रेस कोर्स रोड’ बता देना। इसे अब ‘लोक कल्याण मार्ग’ के रूप में जाना जाता है और यह भारत के प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास है। अब जामिया में अरुंधति ने अजीबोगरीब बयान देते हुए कहा कि मोदी सरकार ही डिटेंशन सेंटर में चली जाएगी। उन्होंने दावा किया कि अगर सभी साथ रहें तो सरकार के बनाए ‘डिटेंशन सेंटरों’ में जगह कम पड़ जाएगी।
जब एक पत्रकार ने अरुंधति से पूछा कि क्या विरोध-प्रदर्शन के कुछ परिणाम निकलेंगे तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। उम्मीद जताई कि ‘सभी लोग आज़ाद हो जाएँगे।’ हालाँकि, उन्होंने ये स्पष्ट नहीं किया कि वो किस किस्म की आज़ादी की माँग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि विरोध कर रहे लोग कभी भी पीछे नहीं हटेंगे।
Arundhati Roy hits out at govt: One day you will be in detention centre and all of us will be azadhttps://t.co/p1yf1CmiHQ
— The Indian Express (@IndianExpress) January 11, 2020
अरुंधति रॉय ने इससे पहले ही सीएए को विभाजनकारी, भेदभाव वाला और असंवैधानिक करार दिया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दिसंबर 15, 2019 को छात्रों ने पुलिस के साथ झड़प की थी। दंगाई छात्रों से निपटने के लिए पुलिस को कैम्पस के भीतर घुसना पड़ा था। कैम्पस में कई बाहरी लोगों के घुसे होने की भी ख़बर आई थी। जामिया प्रशासन और छात्रों ने जाँच में सहयोग करने से इनकार करते हुए पुलिस को सीसीटीवी फुटेज देने से इनकार कर दिया था।