Saturday, July 27, 2024
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मनसुख हिरेन की ‘हत्या’ हुई थी, एंटीलिया केस से मोदी की रैली में ब्लास्ट करने वाले आतंकी का भी कनेक्शन

मनसुख हिरेन के शरीर में बालू का कोई ट्रेस नहीं था और न ही उनके पेट में पानी घुसा था। उनकी बाईं नाक और कंधे पर जख्म से शंका है कि उनकी हत्या कर हाई टाइड के वक़्त वहाँ फेंक दिया गया था।

उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर ‘एंटीलिया’ के बाहर विस्फोटक लदी गाड़ी खड़ी करने के मामले के तार दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) के आतंकी तहसीन अख्तर से जुड़ रहे हैं। धानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान पटना के गाँधी मैदान में हुए धमाकों समेत कई बम बलास्ट में शामिल रहा है। उसके बैरक से दो मोबाइल मिले हैं, जिन्हें फोरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया है।

माना जा रहा है कि इसी मोबाइल के जरिए वह टेलीग्राम चैनल क्रिएट किया गया था, जिसके जरिए एंटीलिया के बाहर गाड़ी खड़ी करने की जिम्मेदारी ली गई थी। इस बीच सूत्रों के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया है कि एटीएस को शुरुआती जाँच के बाद लग रहा है कि मनसुख हिरेन की हत्या ही की गई थी। एक ATS अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि करीब-करीब उस लोकेशन का पता लगा लिया गया है, जिसके बाद हिरेन रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए थे।

वह गाड़ी हिरेन की ही थी ​जो ‘एंटीलिया’ के बाहर खड़ी मिली थी। बाद में उनकी लाश संदिग्ध परिस्थितियों में मिली थी। इस गाड़ी को लेकर हिरेन के परिजनों का कहना रहा है कि वह चोरी हो गई थी और उसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच में रहे सचिन वाजे की भूमिका भी संदिग्ध बताई जाती है। उसकी अंतरिम जमानत याचिका ठाणे सेशन कोर्ट ने शुक्रवार (मार्च 12, 2021) रद्द कर दी। अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी।

उद्धव ठाकरे सरकार वाजे का ट्रांसफर सिटीजन फैसिलिटेशन सेंटर (CFC) यूनिट में कर डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया है। मनसुख हिरेन के परिजनों ने वाजे पर हत्या का आरोप लगाया है।

अब इस मामले की जाँच ATS (आतंक निरोधी दस्ता) कर रहा है, जिसे कोर्ट ने अगली सुनवाई में बयान देने के लिए बुलाया है। ATS ने अपनी शुरुआती जाँच में पाया भी है कि हिरेन की हत्या हुई थी। TOI के सूत्रों के अनुसार, ATS और NIA की कई टीमें इस मामले में जाँच कर रही हैकी और एक ATS अधिकारी ने बताया कि उन्होंने लगभग उस अंतिम लोकेशन की पहचान कर ली है, जहाँ से मनसुख हिरेन गायब हो गए थे।

हिरेन की लाश को जब खाड़ी से निकला गया था, तब उनके मुँह और चेहरे के पास से एक मास्क और कई रुमाल मिले थे। शरीर में बालू का कोई ट्रेस नहीं था और न ही उनके पेट में पानी घुसा था। उनकी बाईं नाक और कंधे पर जख्म शंका है कि उनकी हत्या कर हाई टाइड के वक़्त वहाँ फेंक दिया गया था। साजिशकर्ताओं की सोची थी कि इससे लाश समुद्र में बह जाएगी। वाजे के CDR मोबाइल लोकेशन दक्षिणी मुंबई में मिले हैं, जब हिरेन गायब हुए।

मनसुख हिरेन के परिजनों के बयान भी ATS ने दूसरी बार दर्ज किए। शुक्रवार को उनके भाई और बेटे को ठाणे स्थित ATS दफ्तर में बुलाया गया था, जहाँ वो 9 घंटे तक रहे। इस पूरे मामले के तार दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल से जुड़े हैं, जहाँ तलाशी के दौरान ‘इंडियन मुजाहिद्दीन’ आतंकी संगठन के तहसीन अख्तर के बैरक से मोबाइल फोन बरामद हुआ। उसे शनिवार को रिमांड पर लिया जाएगा। आशंका है कि वो जैश-उल-हिन्द की स्थापना में शामिल है।

दोनों फोन्स की फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने अख्तर से पूछताछ के लिए जेल प्रशासन को सूचित कर दिया है। ‘जैश-उल-हिन्द’ नामक टेलीग्राम चैनल का भी खुलासा हुआ है। फरवरी 27 को इसी टेलीग्राम चैनल पर अंबानी के घर के बाहर हमले की साजिश की जिम्मेदारी ली गई थी। सिम ईस्ट दिल्ली के रघुबरपुरा स्थित किसी जयदीप लोढ़िया के नाम पर रजिस्टर्ड था।

वहीं इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने तिहाड़ जेल के महनिदेशक से वहाँ कैदी बैरक में दो-दो मोबाइल फोन्स मिलने को लेकर रिपोर्ट माँगी है। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद आतंकी संगठन का नेतृत्व कर रहे अख्तर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2014 में गिरफ्तार किया था।

बता दें कि चैनल बनाने के लिए TOR नेटवर्क का उपयोग किया गया था। इस TOR नेटवर्क का इस्तेमाल डार्कनेट एक्सेस करने के लिए किया जाता है। यानी, इंटरनेट के उन पहलुओं के उपयोग के लिए जो सामान्य वेब ब्राउजर पर नजर न आएँ। अंबानी से रुपए माँगने वाला संदेश तिहाड़ जेल से आया था। पेमेंट के लिए क्रिप्टोकरंसी का लिंक भी था। हालाँकि, लिंक एक्टिव नहीं था। बाद में जैश-उल-हिन्द ने इस घटना से अपना लिंक होने से इनकार किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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