ऑपरेशन माफिया के तहत गैंगस्टर्स और माफिया के अवैध साम्राज्य के खिलाफ प्रयागराज विकास प्राधिकरण की कार्रवाई लगातार चालू है। इसी क्रम में अब अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के गुर्गे आशिफ उर्फ मल्ली के अवैध निर्माण पर पीडीए का बुलडोजर चल गया है। दरअसल, धूमनगंज के उमरी गाँव में मल्ली ने पीडीए से बगैर नक्शा पास कराए निर्माण कराया था। इसके चलते यह बिल्डिंग अवैध निर्माण की श्रेणी में आती है।
बता दें कि मल्ली के ऊपर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं और मौजूदा समय में वह जौनपुर जेल में बंद है। धूमनगंज का रहने वाला आशिक उर्फ मल्ली हार्ड कोर क्रिमिनल है। इसके अलावा उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी के कई मुकदमे दर्ज हैं। वह अतीक अहमद गैंग के लिए काम करता है। कुछ दिन पहले पुलिस ने सिविल लाइंस स्थित एक अपार्टमेंट से घेरेबंदी कर दबोचा था। इसके बाद उसे जेल भेजा गया था।
अतीक अहमद के रिश्तेदारों के खिलाफ कई एक्शन
17 नवंबर को अतीक अहमद के साढ़ू इमरान जई के अवैध निर्माण पर योगी सरकार का बुलडोजर चलाया गया। अतीक अहमद के साढ़ू इमरान जई के जिस अवैध निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया, वो 2500 वर्ग गज का था और खुल्दाबाद के चकिया क्षेत्र में बनाया गया था। पीडीए से नक्शा स्वीकृत कराए बिना ही यहाँ अवैध रूप से निर्माण कर दिया गया। इमरान जई ही अतीक अहमद के सारे अवैध कारोबार को सँभालता है और उसके धंधों और सम्पत्तियों का प्रबंधन करता है। उस पर कई गंभीर आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं। इसके अलावा, अतीक के साले जकी अहमद, उसके शार्प शूटर मुबारक खान समेत कइयों पर एक्शन लिया जा चुका है।
अतीक की पत्नी की जमीन भी हुई थी कुर्क
इसके पहले 12 दिसंबर को अतीक के साले जकी अहमद का अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया था। 5 दिसंबर को अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम पर दर्ज करोड़ों की 3 संपत्तियों को भी प्रशासन ने जब्त किया था। अतीक अहमद पर आरोप है कि उसने दबंगई और सियासी रसूख के दम पर अवैध तरीके से ये संपत्तियाँ अर्जित की थीं।
इससे पहले प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीडीए) ने फरार चल रहे ग्राम प्रधान मुबारक खान की दो अवैध इमारतों को जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल करते हुए जमींदोज कर दिया था। पीडीए से नक्शा पास कराए बिना ही ये अवैध निर्माण कराया गया था।
मुबारक खान ने 400- 400 वर्ग मीटर में दो अवैध इमारतों का निर्माण कराया था। एक ईमारत तो कब्रिस्तान की जमीन पर ही बना डाली गई थी। वहीं, दूसरी जमीन किसी अन्य व्यक्ति की जमीन पर कब्जा करके बनाया गया था।