पश्चिम बंगाल में पूर्व सैनिक बलविंदर सिंह की पगड़ी खोले जाने और पीटने के बाद कोलकाता की एक स्थानीय अदालत ने 8 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। हालाँकि पुलिस द्वारा सिख धर्म का अपमान करने के खिलाफ देशव्यापी आक्रोश देखा गया। ममता बनर्जी सरकार ने उन्हें अवैध रूप से बन्दूक ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। बलविंदर सिंह एक ब्लैक कैट कमांडो हैं और उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन विजय सहित कई सैन्य अभियानों में हिस्सा लिया था।
अकाली दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि सुरक्षा अधिकारी को पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि अकाली दल स्थिति पर निगरानी रख रहा है।
Ex-Armyman treated as a terrorist in West Bengal- Balwinder Singh sent on 8 days remand
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) October 11, 2020
We have apprised @officeofssbadal Ji & @HarsimratBadal_ Ji who are monitoring the situation minutely
They have assured Balwinder Singh that @Akali_Dal & entire community stands in his support pic.twitter.com/DG8YuGl5aK
बलविंदर सिंह को बृहस्पतिवार (अक्टूबर 08, 2020) को भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) और बीजेपी द्वारा ‘नवान्न चलो’ प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सिंह भाजपा नेता प्रियांशु पांडे के निजी सुरक्षा अधिकारी हैं, उन्हें भी पुलिस ने हिरासत में लिया था।
खबरों के मुताबिक, बलविंदर सिंह को हावड़ा मैदान से पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था, क्योंकि ऑन-ड्यूटी सिख सुरक्षा अधिकारी के पास भरी हुई बंदूक थी। मीडिया से पुलिस वाहन के अंदर से बात करते हुए बीजेपी नेता प्रियांगु पांडेय ने कहा कि बलविंदर सिंह एक पूर्व-सेना अधिकारी हैं और उनके पास बंदूक रखने के लिए उचित लाइसेंस भी था।
वहीं इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने तर्क दिया कि सिंह का लाइसेंस केवल राजौरी, जम्मू और कश्मीर में वैध है, क्योंकि यह वहाँ जारी किया गया था। हालाँकि, भाजपा नेता ने इस बात पर जोर दिया कि बलविंदर सिंह के शस्त्र लाइसेंस पर अखिल भारतीय परमिट की मोहर है और इसका उपयोग देश भर में कहीं भी किया जा सकता है।
भाजपा नेता ने कहा कि असम और गुवाहाटी में काम करने के बाद बलविंदर सिंह ने कोलकाता में उन्हें ज्वाइन किया था। पांडेय ने कहा कि पूरे भारत का शस्त्र लाइसेंस होने के बावजूद पुलिस ने सिंह के हाथ से बंदूक छीन ली। एक पूर्व सेना अधिकारी के साथ इस तरह की मारपीट बेहद ही अपमानजनक था।
गौरतलब है कि बलविंदर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए यह पुष्टि की कि हथियार का लाइसेंस राजौरी से जारी किया गया था, लेकिन उनके पास पूरे भारत का परमिट था। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ एक कोने में खड़े थे जब पुलिस अधिकारी ने अचानक उन पर हमला किया। उन्हें घसीटा गया और सबके सामने उनकी पगड़ी को खींचकर उतार दिया गया। बाद में पुलिस ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि उसे पकड़ने के दौरान उसकी पगड़ी अपने आप ही खुल गई और इसमें पुलिस का कोई दोष नहीं है।
सुरक्षाकर्मी बलविंदर सिंह को पश्चिम बंगाल पुलिस ने सड़क पर पीटा और उसकी पगड़ी को अपमानित किया, वो सक्षम जवान है! उसने कई सैन्य कोर्स भी किए हैं!
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) October 9, 2020
ममता राज में ऐसे जांबाज का अपमान दु:खद है। ऐसे पुलिसवालों को सजा दी जाना चाहिए! pic.twitter.com/M1J8S7R9Yn
बलविंदर सिंह एक ब्लैक कैट कमांडो और कारगिल युद्ध के पूर्व सेना अधिकारी हैं। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय द्वारा ट्वीट किए गए बलविंदर सिंह के बायोडाटा के अनुसार, वह विशेष बलों (6 पैरा) के साथ थे और कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन विजय सहित कई सैन्य अभियानों में भाग लिया था।
Delegation led by President Delhi Sikh Gurudwara Management Committee @mssirsa Manindar Singh Sirsa submitted a representation regarding disgracing @MamataOfficial a Sikh’s Dastar (headgear) that is grave insult to entire Sikh Community and demanded justice for Balwinder Singh. pic.twitter.com/Bx7spPmN8J
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) October 11, 2020
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को एक प्रतिनिधित्व सौंपा। पश्चिम बंगाल पुलिस के कृत्य को पूरे सिख समुदाय का घोर अपमान बताते हुए प्रतिनिधिमंडल ने बलविंदर सिंह के लिए न्याय की माँग की।
उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में पुलिस की शक्ति का इतना ज़बरदस्त दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। इसकी निंदा की जानी चाहिए। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना है।