Wednesday, November 13, 2024
Homeदेश-समाजखूनी व्यवसाय, दुष्ट, बेहूदगी... महाराष्ट्र की उद्धव सरकार की गैर जिम्मेदारी पर बॉम्बे हाई...

खूनी व्यवसाय, दुष्ट, बेहूदगी… महाराष्ट्र की उद्धव सरकार की गैर जिम्मेदारी पर बॉम्बे हाई कोर्ट के शब्द

"अगर वह (आयुक्त) वैक्सीन के लिए खरीद एजेंसी नहीं हैं, तो यह "खूनी व्यवसाय" किसका है? हम आपको एक समाधान देते हैं, आप उसका पालन नहीं कर रहे। आप हमें कोई समाधान दे नहीं रहे। क्या बेहूदगी चल रही है।"

कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में नागपुर समेत पूरे महाराष्ट्र में रेमडेसिविर की खासी किल्लत है। लेकिन, अस्पतालों में एंटी वायरल ड्रग रमडेसिविर पहुँचाने के अपने आदेश के उल्लंघन पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।

हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने सुनवाई के दौरान न्यायधीश एमबी शुकरे और एसएम मोदक की खंडपीठ ने कहा, “हम इस दुष्ट और बुरे समाज का हिस्सा होने पर शर्मिंदा हैं। अगर आपको शर्म नहीं आ रही है तो हम इस बुरे समाज का हिस्सा होने पर लज्जित हैं। आप हमारे मरीजों के प्रति लापरवाह हैं। ऐसे ही हम अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं कर पा रहे हैं। हम आपको एक समाधान देते हैं, लेकिन आप उसका पालन नहीं कर रहे हैं। आप हमें कोई समाधान दे नहीं रहे हैं। क्या बेहूदगी चल रही है।”

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने जीवन रक्षक रेमडेसिविर की कमी पर सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए इसे लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन बताया है। अदालत ने कहा कि अब साफ है कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रहा है।

लोगों को हो रही दिक्कतों और कोविड-19 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नागपुर खंडपीठ ने कहा कि वो किसी के खिलाफ एक्शन नहीं लेना चाहता है, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जनता को समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़े।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एमजी भांगड़े ने ज्वाइंट कमिश्नर (एफडीए) और नागपुर के अतिरिक्त कलेक्टर द्वारा दायर दो हलफनामों को कोर्ट को सौंपा। दोनों में अलग-अलग बयान थे। इस पर बेंच ने टिप्पणी की कि दोनों विरोधाभाषी बयान हैं। आखिर उसके आदेश का पालन क्यों नहीं किया जा सकता है।

जस्टिस शुकरे ने कहा, “अगर वह (आयुक्त) वैक्सीन के लिए खरीद एजेंसी नहीं हैं, तो यह “खूनी व्यवसाय” किसका है? उन्होंने कलेक्टर या उनके विभाग के किसी अधिकारी को उनके सवालों का जवाब पाने के लिए मौजूद रहने को कहा है।

जस्टिस शुकरे ने कहा, “आप कह रहे हैं कि आप आदेश का पालन करने की स्थिति में नहीं हैं। फिर आपके अनुसार समाधान क्या है? आप कह रहे हैं कि स्टॉक था, लेकिन नागपुर के लिए उपलब्ध नहीं है। ठाणे में अधिक और नागपुर में कैसे कम हो जाता है, यह समझाया नहीं जा सकता है।”

क्या था पूरा मामला

तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के कारण हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। अस्पतालों में जीवन रक्षक रेमडेसिविर की किल्लत हो रही है। इसी को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नागपुर में सोमवार रात 8 बजे तक रेमडेसिविर के 10,000 इंजेक्शन पहुँचाने का आदेश दिया था। लेकिन, उसका पालन नहीं किया गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इस्लाम कबूलना तो दूर, मुस्लिमों के पाले में खड़े होने के भी पक्षधर नहीं थे अम्बेडकर: माफीनामे के बाद कॉन्ग्रेस नेता को पढ़ना चाहिए...

कॉन्ग्रेस के पूर्व MLA अजीमपीर खदरी ने दावा कर दिया कि डॉ भीमराव अम्बेडकर इस्लाम कबूल करने वाले थे और इसके लिए उन्होंने तैयारी भी कर ली थी।

गैर मुस्लिमों को जबरन नहीं परोसा जाएगा ‘हलाल मांस’, एअर इंडिया का बड़ा फैसला: जानें यह कैसे सही दिशा में कदम

देश की प्रमुख एयरलाइन एअर इंडिया ने फैसला किया है कि वह अब गैर-मुस्लिम यात्रियों को हलाल माँस नहीं परोसेगी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -