देश के टॉप मोस्ट ब्यूरोक्रेट कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने आज सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों से कहा कि बीती 18 जनवरी से 23 मार्च के बीच 15 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्री भारत आए हैं, जिनकी सही प्रकार से निगरानी की जानी चाहिए थी, किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि जितने यात्रियों की निगरानी अपेक्षित थी और जितनों की मॉनिटरिंग की गई उस के बीच एक बड़ा फासला रह गया है, जो कोरोना महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को काफी क्षति पहुँचा सकता है।
कैबिनेट सचिव गाबा ने राज्य सरकारों से यह भी कहा कि भारत में बाहर से आने वाली कामर्शियल फ्लाइट्स पर बैन लगाने के पहले जितने अंतरराष्ट्रीय यात्री बाहर से आए थे उनकी मॉनिटरिंग बढ़ाई जाए। मीडिया के अनुसार ये पहली बार नहीं है कि केंद्र ने राज्यों को उन भारतीय तथा गैर भारतीय लोगों पर निगाह रखने को कहा है जो बीते दिनों बाहर से आए हैं। इससे पहले भी स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों से इस संदर्भ में और अधिक प्रयास करने को कहता आया है लेकिन राज्यों से अपेक्षित प्रतिक्रिया न आने पर आज कैबिनेट सेक्रेटरी को इस बारे में दिशा निर्देश जारी करने पड़े।
ध्यातव्य है कि कोरोना से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स में लगातार ऐसे समाचार जगह बनाते रहें हैं जहाँ कहीं किसी बाहर से यात्री ने अपनी क्वारंटाइन मुहर इत्र से मिटा दी तो कहीं बाहर से आए लोग जाँच पड़ताल से बचने के लिए देश के भीतर हवाई यात्रा की जगह ट्रेनों और बसों के जरिए यात्रा करते पाए गए। मीडिया में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि विदेशों से आने वाले कुछ यात्री अपना कोरोना संक्रमण छिपाने के लिए की जाने वाली थर्मल जाँच से पहले पैरासिटामॉल की दवाएं ले रहे थे। जानकारों के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीज का यह बर्ताव न सिर्फ उसके खुद के लिए बल्कि सारे समाज और देश के लिए बेहद खतरनाक और गैर जिम्मेदाराना है।
याद रहे कि दिसंबर में चीन के वुहान से शुरू हुआ यह कोरोना वायरस संक्रमण आज पूरी दुनिया में फैल चुका है। जिसमें कोरोना के सबसे अधिक पॉजिटिव केसों के मामलों में अमेरिका अब चीन को भी पीछे कर पहले स्थान पर पहुंच गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 81,321 हो गई है। पूरी दुनिया में जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या अब बढ़कर पाँच लाख से अधिक हो गई है जिसमें से 22,000 के ज्यादा लोग इस महामारी के कारण जान गँवा चुके हैं। इसकी वजह से दुनिया की एक तिहाई आबादी आज लगभग 2.8 अरब लोग पूरी दुनिया में लॉकडाउन की स्थिति में हैं। वहीं भारत में अबतक 724 कोरोना पॉजिटिव केसेस की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 17 की मौत इस बीमारी के कारण हुई है।