Sunday, September 1, 2024
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झारखण्ड: ₹48 लाख की अवैध निकासी केस में कॉन्ग्रेस MLA अंबा प्रसाद और विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के VC सहित 11 पर FIR

कॉलेज के सरकारी निकाय में शामिल अंबा प्रसाद, इंद्रजीत कुमार, टुकेश्वर प्रसाद, ज्योति जलधर समेत दूसरे लोगों ने निकाय के कार्य की अवधि समाप्त होने के बावजूद भी इसकी बैठक की थी। इसके बाद सभी ने 2019-20 में कॉलेज को मिलने वाले सरकारी अनुदान की 48 लाख रुपए की राशि को निकाल लिया।

झारखंड के हजारीबाग जिले की बड़कागाँव विधानसभा क्षेत्र से कॉन्ग्रेस की विधायक अंबा प्रसाद और विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के कुलपति (VC) समेत 11 लोगों के खिलाफ कॉलेज से 48 लाख रुपए के अवैध फंड निकासी के मामले में केस दर्ज किया गया है।

कर्णपुरा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य रामसेवक महतो ने इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर आरोपितों के खिलाफ बड़कागाँव थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

सभी आरोपितों बड़कागाँव विधायक अंबा प्रसाद, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. मुकुल नारायण देव, रजिस्ट्रार बंशीधर प्रसाद रुखैयार, डॉ. कौशलेंद्र कुमार, सुरेश महतो, संजय कुमार, कृति नाथ, विशेश्वर नाथ चौबे, भोगेश्वर कुमार महतो और अरविंद कुमार के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा संख्या 113/21 समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

फर्जी दस्तावेजों के जरिए कॉलेज के सरकारी अनुदान को गटक गए

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉलेज के सरकारी निकाय में शामिल अंबा प्रसाद, इंद्रजीत कुमार, टुकेश्वर प्रसाद, ज्योति जलधर समेत दूसरे लोगों ने निकाय के कार्य की अवधि समाप्त होने के बावजूद भी इसकी बैठक की थी। इसके बाद सभी ने 2019-20 में कॉलेज को मिलने वाले सरकारी अनुदान की 48 लाख रुपए की राशि को निकाल लिया।

इन सभी पर कानूनी संस्था में भाग लेकर, गलत दस्तावेज बनाने और अवैध तरीके से सरकारी पैसे को निकालने का आरोप है। अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि कॉलेज के शासी निकाय का चयन भी गलत ढंग से किया गया है।

क्या कहता है यूनिवर्सिटी एक्ट

यूनिवर्सिटी में कहा गया है कि कोई भी सरकारी निकाय केवल तीन साल कार्यरत रह सकता है, उसके बाद उसका फिर से चयन होगा। हालाँकि, इस केस में इस पूरे मामले की अनदेखी की गई है। निकाय के सचिव के गलत तरीके से चयन के भी आरोप हैं। आरोपितों ने निकाय की अवधि खत्म होने के बाद भी बैठक की थी और इसकी अध्यक्षता खुद अंबा प्रसाद ने की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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