Tuesday, November 5, 2024
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केजरीवाल को सीधे वैक्सीन नहीं: राज्यों को मोदी सरकार से 21.80 करोड़ डोज, जून से बच्चों के लिए टीके का ट्रायल संभव

''सरकार ने अभी तक नि:शुल्क और राज्य द्वारा सीधे खरीदे जाने पर 21.80 करोड़ से अधिक टीकों की खुराक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई है। 40,650 खुराक अगले तीन दिन में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को मिल जाएँगी।''

भारत सरकार अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 21.80 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक मुहैया करा चुकी है। 1.80 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक अभी भी इनके (राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों) पास उपलब्ध है। इसके अलावा बताया जा रहा है कि जून से बच्चों के लिए टीके का ट्रायल शुरू किया जा सकता है। वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को वैक्सीन निर्माता कंपनियों से बड़ा झटका लगा है। उन्होंने केजरीवाल को सीधे वैक्सीन देने से इनकार करते हुए कहा कि हम केवल भारत सरकार से ही डील करेंगे।

अरविंद केजरीवाल ने सोमवार (24 मई 2021) को कहा, “हमने कोरोना वैक्सीन के लिए मॉडर्ना और फाइजर से बात की है, लेकिन उनकी ओर से कहा गया है कि वो राज्य को वैक्सीन नहीं देंगे। उनका कहना है कि हम सिर्फ केंद्र सरकार से ही इस पर बात करेंगे। ऐसे में मेरी केंद्र सरकार से अपील है​ कि केंद्र सरकार इनसे बात करके वैक्सीन आयात करें और राज्यों में बाँटे। हम पहले ही काफी समय गँवा चुके हैं, अब और देर करना बहुत खतरनाक हो सकता है।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार (24 मई 2021) को अपने एक बयान में कहा, ”सरकार ने अभी तक नि:शुल्क और राज्य द्वारा सीधे खरीदे जाने पर 21.80 करोड़ से अधिक टीकों की खुराक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई है। 40,650 खुराक अगले तीन दिन में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को मिल जाएँगी।”

मालूम हो कि दिल्ली के अलावा रविवार (23 मई 2021) को वैक्सीन निर्माता कंपनी मॉडर्ना ने पंजाब सरकार द्वारा वैक्सीन आपूर्ति की माँग को भी ठुकरा दिया। कंपनी का कहना है कि वह अपनी नीतियों के अनुसार केवल केंद्र सरकार से ही इस मामले पर बातचीत करती है। अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनी के अलावा पंजाब सरकार ने स्पूतनिक, फाइजर और जॉनसन एंड जॉनसन से वैक्सीन की खरीद के लिए संपर्क किया था।

हालाँकि, पंजाब सरकार द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक इन कंपनियों में से सिर्फ मॉडर्ना ने ही अपना जवाब दिया। वैक्सीन निर्माता कंपनी ने अपनी नीतियों का हवाला देते हुए कहा था कि वैक्सीन से संबंधित मुद्दों पर वह केवल भारत सरकार से ही संपर्क करेगी। कंपनी राज्यों या निजी ग्राहकों से कोई सौदा नहीं करती।

वहीं, वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्‍चों के लिए बेहद घातक साबित हो सकती है। ऐसे में भारत सरकार ने बच्‍चों की कोरोना वैक्‍सीन को लेकर भी अपनी तैयारियाँ तेज कर दी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत बायोटेक (Bharat Biotech) जून 2021 से बच्‍चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन पर ट्रायल शुरू कर सकता है। कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी हेड डॉ. राचेस एला के अनुसार, कंपनी को तीसरी या चौथी तिमाही के अंत तक कोवैक्सीन के परीक्षण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से मंजूरी मिल सकती है।

डॉ. राचेस ने आगे कहा, ”सरकार की मदद से ही हम आज यहाँ तक पहुँचने में कमयाब हो सके हैं। कोरोना वैक्सीन भारत बायोटेक और ICMR के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई है। सरकार ने इसके लिए 1,500 करोड़ रुपए की खरीद का ऑर्डर दिया है। इससे हमें अपनी जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। हम जल्‍द ही इसके लिए बेंगलुरु और गुजरात में भी अपनी यूनिट खोल रहे हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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