असम के सिराजुली में डॉन बॉस्को स्कूल में एक हिंदू बच्ची को परेशान करने के बाद अब बच्ची के परिवार को केस वापस लेने के लिए डराया-धमकाया जा रहा है। दरअसल स्कूल में केजी में पढ़ने वाले छात्र के माथे पर लगा तिलक जबरन हटा दिया था और क्लास टीचर ने उसे पिटाई करने की धमकी दी थी।
ऑपइंडिया ने 6 वर्षीय बच्ची के चाचा अवध किशोर वर्मा से बात की। उन्होंने बताया कि स्थानीय कॉन्ग्रेस नेता मिल्खास टोपो ने फोन पर परिवार को धमकी दी है। फोन कॉल की एक ऑडियो क्लिप भी उन्होंने साझा की। मिल्खास टोपो खुद को स्कूल की प्रबंधन समिति का सदस्य होने का दावा करता है।
अवध ने बताया कि यह फोन कॉल उनके भाई विनय कुमार वर्मा को बुधवार (25 जून) को आया था। गौरतलब है कि 24 जून को परिवार ने आरोपित शिक्षिका रिनी रोज और स्कूल प्रशासन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
आरोपित कॉन्ग्रेस नेता ने माना है कि उसे स्कूल प्रबंधन ने परिवार से बात करने को कहा था। विनय ने बच्ची के साथ हुए वारदात की जानकारी दी। मिल्खास टोपो ने शिक्षिका और स्कूल प्रशासन के इस कुकृत्य को ‘छोटी घटना’ बताने की कोशिश की।
ऑडियो क्लिप में उसे यह कहते हुए सुना गया, “यह एक बड़ा स्कूल है। प्रिंसिपल वहाँ होने वाली हर बात पर नजर नहीं रख सकता। क्या वह व्यक्तिगत रूप से हर किसी की जानकारी रख सकता है?”
मिल्खास ने पूरी घटना को ‘महत्वहीन’ बताते हुए कहा, “यह एक ईसाई स्कूल है। आपको एडमिशन के समय एक डायरी दी गई थी। उसमें लिखे दिशा-निर्देशों को पढ़ें।” कॉन्ग्रेस नेता ने विनय के ऑफिस का पता भी लिया और कहा कि AASU (ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन) के कार्यकर्ता वहाँ आकर बात करेंगे।
मिल्खास ने पीड़ित परिवार को निर्देश दिया कि वे अपनी जरूरी धार्मिक मान्यताओं को अपने घर तक ही रखें और उन्हें स्कूल में न लाएँ। बातचीत के दौरान मिल्खास ने विनय को अपशब्द भी कहे।
इसके बाद स्थानीय कॉन्ग्रेस नेता ने पीड़ित के दादा बलराम वर्मा से बात की और स्कूल का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “अगर बच्ची का तिलक मिटा भी दिया गया तो इसमें बड़ी बात क्या है?”
मिल्खास टोपो ने बलराम वर्मा से स्कूल की ‘डायरी गाइडलाइन पढ़ने’ की सलाह दी और अपनी बात कहते हुए पीड़ित के दादा के साथ दुर्व्यवहार किया। अवध किशोर वर्मा के अनुसार, मिल्खास ढेकियाजुलु में कॉन्ग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष है।
पुलिस में शिकायत के बारे में पूछे जाने पर पीड़ित के चाचा ने बताया कि स्कूल प्रशासन मंगलवार (24 जून) को थाने गया और लिखित में वादा किया है कि ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी।

हालाँकि मिल्खास टोपो के धमकाने का सिलसिला 24 जून को भी जारी रहा। बुधवार (25 जून) को डॉन बॉस्को स्कूल के प्रिंसिपल पीड़ित के घर आए और आश्वासन दिया कि ऐसा अब नहीं होगा। उन्होंने पीड़ित के परिजनों से पुलिस में दर्ज शिकायत वापस लेने का भी अनुरोध किया।
अवध कुमार वर्मा ने ऑपइंडिया को बताया कि परिजनों ने बच्ची को स्कूल से निकालने का मन बना लिया है।
क्या था मामला?
सोमवार (23 जून) को डॉन बॉस्को स्कूल की शिक्षिका रिनी रोज ने KG में पढ़ने वाली छात्रा के माथे पर लगा तिलक जबरन मिटा दिया था।
इस घटना से बच्ची सदमे में है। जब पीड़िता ने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया तो वे स्कूल पहुँचे और प्रिंसिपल (पिता) से शिकायत की। उन्हें आश्वासन दिया गया कि ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी।
बच्ची के साथ अगले दिन यानी मंगलवार (24 जून) को भी ऐसा ही व्यवहार किया गया। हिंदू संस्कृति और धर्म दोनों के लिए पवित्र तिलक को जबरन उसके माथे से हटा दिया गया।
इसके अलावा, किंडरगार्टन की छात्रा को धमकी दी गई कि अगर वह फिर से माथे पर तिलक लगाकर स्कूल आई तो उसकी पिटाई होगी। क्लास टीचर रिनी रोज की धमकी से बच्ची काफी परेशान हो गई। बच्ची के चाचा अवध किशोर वर्मा ने ढेकियाजुलु पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई। ऑपइंडिया के पास शिकायत की एक प्रति एक्सक्लूसिव तौर पर मौजूद है।
वर्मा ने अपनी शिकायत में कहा, “इस कृत्य ने न केवल हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई है, बल्कि यह हमारे संविधान द्वारा दिए गए धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार का भी उल्लंघन है। यह धार्मिक भेदभाव का मामला है और हिंदू धर्म का जानबूझकर अपमान किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं जाँच में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हूँ और कोई भी अतिरिक्त जानकारी या सबूत देने के लिए तैयार हूँ। इस गंभीर मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद।”
अवध किशोर वर्मा ने ऑपइंडिया को खास बातचीत में बताया कि कुछ दिन पहले ही कैथोलिक स्कूल के अधिकारियों ने एक हिंदू बंगाली छात्र की तुलसी माला जबरन उतार दी थी।