Thursday, May 22, 2025
Homeदेश-समाजसूर्य नमस्कार को कॉन्ग्रेस MLA आरिफ मसूद ने बताया इस्लाम विरोधी : HC ने...

सूर्य नमस्कार को कॉन्ग्रेस MLA आरिफ मसूद ने बताया इस्लाम विरोधी : HC ने फटकारा, कहा- सूर्य उपासना विशुद्ध योग

इससे पहले पिछले महीने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने 1 से 7 जनवरी के बीच स्कूलों में ‘सूर्य नमस्कार’ आयोजित करने के केंद्र सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी। मोदी सरकार के फैसले का विरोध करते हुए बोर्ड ने कहा था, "इस्लाम सूर्य नमस्कार की इजाजत नहीं देता, क्योंकि यह सूर्य पूजा का ही रूप है।"

मध्य प्रदेश के भोपाल से कॉन्ग्रेस विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood) ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 1 जनवरी से 7 फरवरी तक सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में आयोजित होने वाले सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) कार्यक्रम का विरोध करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

हाईकोर्ट ने मंगलवार (1 फरवरी 2022) को इस मामले पर सुनवाई करते हुए कॉन्ग्रेस विधायक आरिफ मसूद की याचिका पर कहा, ”सूर्य नमस्कार विशुद्ध रूप से योग है, इसमें कहीं भी धार्मिक उपासना नहीं है। सूर्य नमस्कार वस्तुत: स्वास्थ्य और जीवन की जरूरत है।” इसके साथ ही कोर्ट ने मसूद के इस तर्क को भी खारिज कर दिया है कि इससे उनके धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाएँ आहत होती हैं।

याचिका में मसूद ने ये भी कहा है, “सूर्य नमस्कार को सूर्य पूजा माना जाता है। सूरज की पूजा करना इस्लाम के खिलाफ है। संविधान हमें सरकारी शिक्षण संस्थानों में किसी विशेष धर्म की शिक्षा या किसी विशेष समूह की मान्यताओं के आधार पर कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं देता है।”

इस पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस पीके कौरव की डिवीजन बेंच ने विधायक आरिफ मसूद की याचिका पर सुनवाई करते हुए आगे कहा कि सूर्य नमस्कार करने के लिए किसी को भी बाध्य किया जा रहा है, ऐसा कहाँ लिखा गया है। ​यदि लिखा गया है कि तो दिखाएँ। इस पर याचिकाकर्ता ने कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए अदालत से समय माँगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी

बता दें कि इससे पहले पिछले महीने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने 1 से 7 जनवरी के बीच स्कूलों में ‘सूर्य नमस्कार’ आयोजित करने के केंद्र सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी। मोदी सरकार के फैसले का विरोध करते हुए बोर्ड ने कहा था, “इस्लाम सूर्य नमस्कार की इजाजत नहीं देता, क्योंकि यह सूर्य पूजा का ही रूप है।”

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने एक बयान जारी कर यह भी कहा था, “भारत एक धर्मनिरपेक्ष, बहु धार्मिक और बहु सांस्कृतिक देश है। इन्हीं सिद्धांतों पर हमारा संविधान लिखा गया है। स्कूल पाठ्यक्रमों को भी इसका ध्यान रखकर बनाया गया है, लेकिन यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान सरकार इस सिद्धांत से भटक रही है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

धर्म बदलकर मुस्लिम बन चुकी है ज्योति मल्होत्रा, पाकिस्तान में की है शादी… हरियाणा पुलिस ने मीडिया में चल रही हर खबर की हकीकत...

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के पाकिस्तान प्रेम को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों पर हिसार पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी कर भ्रामक खबरों से बचने को कहा है।

क्या है ‘गोल्डन डोम’ जिस पर डोनाल्ड ट्रंप खर्च करेंगे ₹14.52 लाख करोड़, क्या इजरायल के ‘आयरन डोम’ से भी अधिक सक्षम है अमेरिका...

गोल्डन डोम ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 175 अरब डॉलर (लगभग 14.52 लाख करोड़ रुपए) की अंतरिक्ष आधारित मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जो अमेरिका को बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक खतरों से बचाने के लिए बनाई जा रही है।
- विज्ञापन -