16 जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत भारत में करेंगे। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वैक्सीन से जुड़े भ्रम को दूर करने की कोशिश की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस वैक्सीन से नपुंसकता का खतरा नहीं है। वहीं भारत से 20 लाख कोविड वैक्सीन की डोज ले जाने के लिए ब्राजील ने विशेष विमान भेजा है।
कोविड 19 वैक्सीनेशन के पहले दिन देश के 2934 अलग-अलग हिस्सों में लगभग 3 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई (शॉट) जाएगी। केंद्र सरकार ने वैक्सीन, कोवीशील्ड (covishield) की 1.1 करोड़ डोज़ सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया से खरीदी है। इसके अलावा भारत बायोटेक इंडिया लिमिटेड से कोवैक्सीन (covaxin) की लगभग 55 लाख डोज़ खरीदी गई है। टीकाकरण से पहले केंद्र ने गाइडलाइन जारी कर बताया है कि गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिला इसे न लगवाएँ, क्योंकि उन्हें अभी तक किसी भी कोरोना वायरस-रोधी टीके के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया गया है।
क्या वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स हैं?
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि जैसा कि अलग वैक्सीन का मामलों में देखा गया है, कुछ लोगों को वैक्सीन लगवाने के बाद हल्का बुखार, सिर दर्द या शरीर में दर्द जैसे सामान्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। लेकिन इस तरह के साइड इफेक्ट्स अस्थायी हैं और कुछ समय बाद अपने आप ही ख़त्म हो जाते हैं।
After being administered #COVID19Vaccine, some individuals may have side effects like mild fever, pain at injection site & bodyache. This is similar to the side effects that occur post some other vaccines.
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 14, 2021
These are expected to go away on their own after some time. #StaySafe pic.twitter.com/VCnJzXu70S
You cannot contract #COVID19 because you have been inoculated with a #COVID19Vaccine
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 14, 2021
Temporary side effects such as mild fever should not be confused as having contracted #COVID.#StayInformedStaySafe @PMOIndia @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/ZkZgLU8tpy
केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री ने बताया कि ऐसे कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं मौजूद हैं जो इस बात का दावा करते हों कि वैक्सीन आदमी या औरतों को नपुंसक बनाती है। अभी तक कोरोना वायरस की वजह से भी नपुंसकता की बात सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी के लिए प्रशासनिक और आधिकारिक सूत्रों की ही सहायता लें। ऐसे संवेदनशील समय में किसी भी तरह की अफ़वाहों पर भरोसा नहीं करें।
There is no scientific evidence to suggest that #COVIDVaccine could cause infertility in either men or women. Kindly do not pay heed to such rumours or information from unverified sources.#StayInformedStaySafe @PMOIndia @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/6ii2EFgpB0
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 14, 2021
दूसरी तरफ ब्राज़ील को कोविड 19 वैक्सीन की 20 लाख डोज़ दिए जाने की तैयारियाँ भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। दरअसल पिछले हफ्ते ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने भारत के वैक्सीनेशन अभियान को प्रभावित किए बिना वैक्सीन प्रदान करने का निवेदन किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ब्राज़ील ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया से एक समझौता किया था। ब्राज़ील ने इसके पहले चीन से वैक्सीन मँगाई थी, लेकिन वो किए गए दावों के अनुसार प्रभावी नहीं थी।
पुणे की फर्म ने ऑक्सफ़ोर्ड द्वारा तैयार की गई वैक्सीन का निर्माण करने के लिए एस्ट्राज़ेनेका (AstraZeneca) के साथ समझौता किया है। वैक्सीन की पहली खेप सीरम इंस्टीट्यूट भेजेगा और इसके अलावा ब्राज़ील ने वैक्सीन के लिए भारत बॉयोटेक का भी चुनाव किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, “भारत की वर्तमान क्षमता से ज़्यादा वैक्सीन स्टोर करने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए दूसरे देशों को भेजे जाने वाली वैक्सीन से भारत का वैक्सीनेशन अभियान प्रभावित नहीं होगा।”