आपने अक्सर सिर्फ माँ को ही अपने बच्चों के लिए दुख, दर्द अपने सिर लेते देखा होगा। मगर बिहार के नालंदा से माँ-बेटे के रिश्ते की एक भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। माँ को भूखा देख एक बेटा सारे कानून तोड़कर चोर बन गया और माँ का पेट भरने के लिए चोरी तक कर डाली। यहाँ तक कि इस अपराध की सजा को माफ़ करते हुए खुद जज ने उसे राशन और कपड़े दिलवा दिए।
कोरोना के कारण देशव्यापी लॉकडाउन से गरीब वर्ग को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शुक्रवार (अप्रैल 17, 2020) को बिहार के नालंदा जिले स्थित बिहारशरीफ में चोरी के आरोप में एक नाबालिग किशोर का राशन चोरी का मामला सामने आया।
नालंदा जिले के बिहारशरीफ में एक नाबालिग बच्चे को चोरी के आरोप में पुलिस ने जज के सामने पेश किया। लेकिन जज को जब पता चला कि युवक ने भूख से तड़प रही अपनी माँ के लिए खाना जुटाने के लिए चोरी की तो उन्होंने उसे सजा देने की बजाय शाबाशी दी। इतना ही नहीं, रिहाई के समय किशोर को पर्यवेक्षण गृह के अधीक्षक ने खाने का सामान, चावल, आटा, आलू, तेल व विधवा माँ के लिए कपड़े भी दिए।
नालंदा जिले के इस्लामपुर में रहने वाले नाबालिग को पुलिस ने किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट में पेश किया। बच्चे पर आरोप था कि उसने चोरी की है। जज ने पूरी बात सुनी और चोरी का कारण सुन किशोर को मुक्त कर दिया। साथ ही पदाधिकारियों को उसे हरसंभव मदद करने और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने का आदेश दिया।
इसके साथ ही अदालत ने हर 4 महीने में किशोर से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट सौंपने के निर्देश पुलिस को दिए हैं। जज ने बीडीओ को परिवार को राशन कार्ड, सभी सदस्यों के आधार कार्ड, किशोर की माँ को विधवा पेंशन, गृह निर्माण के लिए अनुदान राशि समेत सभी जरूरी दस्तावेज तैयार कराने के लिए कहा है।
परिवार में सिर्फ विधवा माँ और छोटा भाई
रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपित किशोर के पिता की कुछ वर्ष पहले ही मृत्यु हो गई थी। उसके परिवार में उसकी माँ के अलावा एक छोटा भाई भी है। परिवार में आय का स्रोत सिर्फ यही युवक था, जो मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। कोरोना वायरस के कारण घोषित देशव्यापी बंद के कारण उन्हें राशन और खाने की समस्या हुई। इसी दौरान आरोपित युवक को चोरी के आरोप में इस्लामपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर किशोर न्याय परिषद में भेजा था।
बंद के दौरान पर्यवेक्षण गृह में जज मानवेंद्र मिश्रा, जिला जज श्याम किशोर झा, एडीजे वन आलोक राज व जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव आदित्य पांडेय युवक से मिले थे। जहाँ इस युवक ने उन्हें चोरी के पीछे कारण बताकर चोरी की बात को स्वीकार किया। इसके बाद की गई जाँच में जब युवक की आर्थिक हालात की बातें सच निकलीं, तो जज ने यह फैसला लिया।