Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजलॉकडाउन का असर: वाराणसी-कानपुर में गंगा जल की गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार

लॉकडाउन का असर: वाराणसी-कानपुर में गंगा जल की गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार

"जब से 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा की गई है, वाराणसी में सड़कें पूरी तरह से वीरान हैं क्योंकि लोग घर के अंदर हैं। सड़कों पर सिर्फ उन्हीं लोगों के वाहन दिख रहे हैं जिन्हें आवश्यक सेवाओं में लगाया गया है। हवा की गुणवत्ता (AQI) में भी सुधार हुआ है और वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार अब यह संतोषजनक हो गया है।"

एक ओर जहाँ कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित देशव्यापी लॉकडाउन से आम जन-जीवन ठहर गया है, वहीं इसका दूसरा पहलू यह भी है कि इसी बहाने प्रकृति को भी थोड़ा राहत मिली है। सोशल मीडिया पर भी देखा जा रहा है कि लोग दिल्ली-पंजाब आदि शहरों के साफ और चमकदार आसमान की तस्वीर शेयर कर रहे हैं। इस देशव्यापी बंद के कारण कई कारखाने-फैक्ट्री बन्द होने का असर अब हिन्दू आस्था के सबसे बड़े प्रतीक गंगा नदी पर भी नजर आने लगा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी और कानपुर जैसे शहरों में गंगा नदी भी काफी स्वच्छ हो गई है।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने कहा कि गंगा नदी की धारा में ऑक्सीजन का स्तर काफी हद तक बढ़ गया है और पानी की गुणवत्ता बेहतर हुई है। अब यह पानी नहाने लायक है।

कालिका सिंह ने कहा, “जब से 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा की गई है, वाराणसी में सड़कें पूरी तरह से वीरान हैं क्योंकि लोग घर के अंदर हैं। सड़कों पर सिर्फ उन्हीं लोगों के वाहन दिख रहे हैं जिन्हें आवश्यक सेवाओं में लगाया गया है। हवा की गुणवत्ता (AQI) में भी सुधार हुआ है और वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार अब यह संतोषजनक हो गया है।”

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि गंगा में ऑक्सीजन का स्तर 8.3 मिलीग्राम प्रति लीटर से ऊपर है जो अनुशंसित 7 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है। इस कारण यह पानी अब नहाने के लिए उपयुक्त है।

वहीं, कानपुर में परमट मंदिर के महंत अजय पुजारी ने कहा, “चूँकि सभी कारखाने लॉकडाउन के कारण बंद हैं, इसलिए गंगा नदी स्वच्छ हो गई है।” उन्होंने कहा कि पुजारी पहले पवित्र गंगा नदी के जल के दूषित होने के कारण इस में स्नान नहीं करते थे। लेकिन, बंद के कारण साफ़ नदी में अब वे पिछले एक सप्ताह से गंगा नदी में स्नान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री के गंगा की सफाई को लेकर चलाए गए नमामि गंगे अभियान की तारीफ करते हुए मंदिर के पुजारी ने कहा कि सीसामऊ नाला, जो लाखों लीटर गंदा पानी नदी में छोड़ता था, पिछले साल नमामि गंगे परियोजना के तहत पूरी तरह से साफ किया गया था। इससे जल प्रदूषण में भी कमी आई है, लेकिन वर्तमान में हम जो सुधार देख सकते हैं वह अभूतपूर्व है। लॉकडाउन ने निश्चित रूप से गंगा नदी के स्वास्थ्य में सुधार किया है जो सरकार की कई परियोजनाएँ नहीं कर पा रही थीं।

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने देशवासियों से 21 दिन तक के लॉकडाउन की अपील की है। इस बीच सिर्फ आवश्यक सेवाएँ ही जारी रहेंगी। हालाँकि, एक बड़ा वर्ग अभी भी ऐसा है जो मजहबी कारणों से देशव्यापी बंद में सहयोग करने के बजाए शासन-प्रशासन के साथ-साथ आम जनता के लिए भी मुसीबतें खड़ी करते हुए देखा जा रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -