दिल्ली का निजामुद्दीन भारत में कोरोना वायरस का नया हॉटस्पॉट बन गया है। यहाँ मजहबी कार्यक्रमों में शामिल हुए ढाई हजार लोगों की पहचान में मुश्किलें आ रही हैं। देश में कोरोना वायरस का कहर तेजी से फैल रहा है। अब तक इस खतरनाक वायरस ने दो हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है, वहीं 53 लोगों की मौत हो चुकी है।
संक्रमित लोगों का आँकड़ा पिछले 3 दिनों में तेजी से बढ़ा है। संक्रमित लोगों में 295 वह हैं, जो पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन के तबलीगी जमात में शामिल हुए थे। मंगलवार से लेकर अब तक 485 संक्रमित मामलों में 60% वह लोग हैं, जो तबलीगी जमात का हिस्सा रहे थे।
दिल्ली में मंगलवार तक कुल 141 कोरोना वायरस के केस पाए गए हैं, जिसमें से 129 वह लोग हैं, जो तबलीगी जमात में शामिल हुए थे। वहीं तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटका से 143 संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जो तबलीगी जमात का हिस्सा रहे थे। तमिलनाडु में 75 मामलों में से 74 मामले ऐसे हैं, जो तबलीगी जमात से लौटे लोगों के संपर्क में आए थे।
वहीं तेलंगाना में 27 में से 26 मामले ऐसे हैं, जो इसी तरह से तबलीगी जमात में आए लोगों के संपर्क में आए थे। कर्नाटक में 14 में से 11 मामले ऐसे हैं, जो निजामुद्दीन में हुए मजहबी बैठक से लौटे लोगों के संपर्क में आए थे। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में सभी 32 मामले ऐसे हैं, जो तबलीगी जमात से लौटे लोगों के संपर्क में आए थे।
इसी तरह से मध्य प्रदेश, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में गुरुवार को ऐसे मामले सामने आए हैं, जो तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों के संपर्क में आए थे। मध्य प्रदेश में 5 नए मामले सामने आए हैं तो वहीं असम में तीन और मणिपुर और अरुणाचल में एक-एक मामले सामने आए हैं।
राजस्थान में 13 में से 3 मामले इसी तरीके से हैं, जो तबलीगी जमात के लोगों के संपर्क में आए थे। महाराष्ट्र जो कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित है, वहाँ पर 88 में से 8 मामले ऐसे हैं, जो तबलीगी जमात में हिस्सा लेने वाले लोगों के संपर्क में आए थे। तबलीगी जमात मामले के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 3 दिन के आँकड़ों को खंगाला गया, जिसमें से 143 मामलों में आंध्र प्रदेश में तीन चौथाई की बढ़त दर्ज की गई है।
राज्य के नोडल ऑफिसर के श्रीकांत ने बताया स्वास्थ्य विभाग ने 758 लोगो की जाँच की, जो तबलीगी जमात से लौटे थे उसमें से 91 लोगों में संक्रमण पाया गया। उन्होंने बताया कि उनके पास उन सभी लोगों की जानकारी है, जो इस धार्मिक बैठक में शामिल हुए थे। जिला के अधिकारी इन सभी की जाँच कर रहे हैं।
असम राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमांत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य से 503 लोगों ने दिल्ली के निजामुद्दीन में इस धार्मिक बैठक में हिस्सा लिया था। जिसमें से 488 लोगों से संपर्क किया जा चुका है और 361 लोगों के सैंपल से लिए गए हैं ताकि जाँच किया जा सके बाकी 15 लोगों की खोज जारी है।
भारत में भी बिलकुल मलेशिया की तरह ही, तबलीगी जमात के सेरी पेटालिंग मस्जिद वाले मरकज की तरह कुल संक्रमण का दो तिहाई निजामुद्दीन मरकज के कारण है। मलेशिया में संक्रमण के पहले कुछ दिनों में यह संख्या दो तिहाई (675) थी, जबकि 30 मार्च तक के कुल 2626 संक्रमण में से 1290 लोग (लगभग आधे) उसी एक मस्जिद से संक्रमित हो कर लौटे थे।
बता दें कि मलेशिया में भी इसी तरह की तबलीगी जमात की एक बैठक हुई थी। मलेशिया कुआलालंपुर के बाहरी इलाके में सेरी पेटालिंग मस्जिद में एक विशाल मजहबी सभा आयोजित की गई थी, जिसमें 16,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे। इसकी वजह से घातक कोरोना वायरस का काफी प्रसार हुआ। यह मजहबी सभा 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच आयोजित की गई थी। इनमें 15 अलग-अलग देशों के लोग शामिल हुए थे। अब इस मजहबी आयोजन में हिस्सा लेने वाले 1,290 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं।
यह मलेशिया में कोरोना मामलों को बढ़ाने में योगदान देने वाला अब तक का सबसे बड़ा क्लस्टर था। महानिदेशक ने कहा कि मजहबी सभा में सोलह हजार लोग शामिल हुए थे, जिसमें से 14,111 लोगों के सैंपल लिए गए थे। इनमें से 8,083 के टेस्ट निगेटिव आए हैं।
भारत में भी तबलीगी जमात की 18 मार्च को हुई एक बैठक से पूरे देश में हड़कंप जैसी स्थिति है। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुई इस बैठक में हिस्सा लेने वाले 10 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो गई है। यह पूरा इलाका ही अब कोरोना का केंद्र बन गया है। यहाँ पर कोरोना के खतरे के बावूजद बिना इजाजत 18 मार्च को मजहबी कार्यक्रम किया गया, जिसमें 300 विदेशियों के साथ 1900 लोग शामिल हुए। इससे कोरोना के प्रसार में काफी वृद्धि देखने को मिली। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अभी तक तबलीगी जमात से जुड़े लगभग 9000 लोगों की पहचान कर क्वारंटाइन किया जा चुका है। इनमें से 400 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।