भगोड़े आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में ही छिपे होने की फिर से पुष्टि हुई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के बेटे अलीशाह पारकर ने ED को बताया कि वह अभी पाकिस्तान के कराची में है।
हसीना के बेटे ने बताया कि उसका परिवार और वह दाऊद के संपर्क में नहीं है। हालाँकि दाऊद की बीबी महजबीन त्योहारों के दौरान उसकी पत्नी और बहनों से संपर्क करती है। पारकर ने अपने बयान में कहा, “दाऊद इब्राहिम मेरे मामा हैं और वह 1986 तक दक्षिण मुंबई में डंबरवाला इमारत की चौथी मंजिल पर रहते थे। मैंने विभिन्न सूत्रों और रिश्तेदारों से सुना है कि दाऊद इब्राहिम कराची में है।”
Money laundering case | Underworld don Dawood Ibrahim is in Karachi, Pakistan – his sister Haseena Parkar’s son Alishah Parkar tells ED; also tells ED that his family & he aren’t in contact with Dawood & that Dawood’s wife Mehajabin contacts his wife & sisters during festivals.
— ANI (@ANI) May 24, 2022
उसने कहा, “मेरे पैदा होने से पहले ही वह वह कराची चले गए थे। न मैं और न ही मेरे परिवार के सदस्य उनके संपर्क में हैं। कभी-कभी, ईद, दीवाली और अन्य उत्सव के अवसरों पर, मेरी मामी महजबीन और मेरे मामा मेरी बीबी आयशा और मेरी बहनों से संपर्क करते हैं।” इस दौरान अलीशाह पारकर ने अपनी अम्मी हसीना पारकर की गतिविधियों का भी खुलासा किया। उसने कहा, “मेरी माँ वाकई में एक गृहिणी थी, लेकिन वह आजीविका के लिए कुछ छोटे-मोटे वित्तीय लेन-देन (Financial Dealings) किया करती थी।”
अली ने बताया, “वह (हसीना पारकर) अपने स्वामित्व वाली संपत्तियों से किराया लेती थी। जिसे अपने बिजनेस के लिए पैसे की जरूरत होती थी, वह उन लोगों को 3 से 5 लाख रुपए तक की रकम उधार देती थी। इसी से वह लाभ कमाती थी।”
अलीशाह ने आगे बताया कि उसकी अम्मी रियल एस्टेट में भी निवेश करती थी। उसने दावा किया, “दाऊद इब्राहिम की बहन होने के नाते, मेरी अम्मी हमारे समाज में एक जानी-मानी शख्सियत थीं, वह संपत्ति से जुड़े विवादों को सुलझाती थीं।” बता दें कि हसीना पारकर की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही पारकर ने जाँच एजेंसी को बताया कि दाऊद इब्राहिम 1986 के आसपास भारत छोड़ गया था। दाऊद इब्राहिम संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित वैश्विक आतंकी फाइनेंसर भी है।
इससे पहले राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने डी-गैंग से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा था। ये छापेमारी मुंबई के 20 स्थानों पर हुई थी। NIA ने बोरिवली, सांताक्रूज, बांद्रा, नागपाड़ा, गोरेगाँव, परेल के 20 ठिकानों पर छापे मारे। ये छापे दाऊद और उसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ दर्ज FIR पर आधारित थी। डी कंपनी संयुक्त राष्ट्र द्वारा बैन आतंकी संगठन है, जिसे दाऊद इब्राहिम द्वारा संचालित किया जाता है। दाऊद 1993 में हुए मुंबई धमाकों का मुख्य आरोपित है, जिसे 2003 में यूएन ने ग्लोबल आतंकी माना था।
पिछले दिनों मुंबई की एक विशेष अदालत ने दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच में महाराष्ट्र के मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक के डी गैंग से लिंक होने की बात अदालत ने भी मानी थी। नवाब मलिक फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद हैं। कोर्ट ने कहा था कि इस बात के सबूत हैं कि मलिक सीधे तौर पर और जानबूझकर कुर्ला स्थित गोवावाला कंपाउंड पर कब्जा करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक साजिश में शामिल थे। उन्होंने D-कंपनी की सदस्य मसलन, हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मुनिरा प्लंबर से संबंधित प्रॉपर्टी हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची थी।