फिलिस्तीन के इस्लामी आतंकी संगठन हमास द्वारा इजरायल में मानवता के खिलाफ किए गए अपराध के बाद उस पर इजरायल का कहर जारी है। इसको लेकर आतंकियों से सहानुभूति रखने वाले कट्टरपंथियों में बेचैनी है। आज शुक्रवार यानी जुमा को पूरी दुनिया में हमास और फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किए गए।
भारत के कई शहरों में इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी की गई और फिलिस्तीन एवं हमास के प्रति समर्थन दिया गया। इस दौरान ‘अल्लाह हू अकबर’ के भी नारे लगाए गए। दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में भी कट्टरपंथी छात्र-छात्राओं के गुट ने हमास के समर्थन में प्रदर्शन कर नारे लगाए।
स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल द्वारा शेयर किए गए तस्वीरों एवं वीडियो में दिख रहा है कि बुर्का और हिजाब पहनी हुईं छात्राएँ फिलिस्तीन के समर्थन में नारे लगा रही हैं। इसमें उन्होंने एक बैज लगा रखा है, जिसमें लिखा है- ‘हम हमास के साथ हैं’। इस दौरान ‘इंतिफादा इंकलाब’ के नारे भी लगाए गए। इंतिफादा अरबी शब्द है, जिसका अर्थ जड़ से उखाड़ने से है।
Shocking. Open support to terror and massacre in Delhi’s Jamia Milia Islamia today. Students wearing ‘With Hamas’ badge on head. Raise slogans of Intifada Inquilab. Visuals verified
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) October 13, 2023
I repeat – ‘With Hamas’ @CellDelhi @PIBHomeAffairs @AmitShah pic.twitter.com/Zz75ZIznHO
हमास ने युद्ध के नियमों की अनदेखी कर इजरायल पर अचानक हमला करके ना सिर्फ सैनिकों की हत्या की, बल्कि छोटे-छोटे शिशुओं की भी गला काटकर और जलाकर मार डाला। महिलाओं का अपहरण कर उनके साथ बलात्कार किया गया। कुछ महिलाओं की हत्या करके उनका जुलूस निकाला गया।
हमास एक कुख्यात आतंकी संगठन है, जो इजरायल में निर्दोष नागरिकों की हत्या करता है। इसका सबूत अभी भी सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएँ इस इस्लामी आतंकी संगठन का खुलकर समर्थन कर रहे हैं।
अभी हाल ही में इजरायल के ट्विटर हैंडल ने एक शिशु की तस्वीर शेयर की, जिसमें वह खून से सना दिख रहा है। उसने डायपर पहन रखा है, लेकिन वह भी खून से लाल नजर आ रहा है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा गया, “अब तक जितनी भी फोटो हमने पोस्ट की है, उसमें से इसे पोस्ट करना सबसे तकलीफदेह रहा है।”
हैंडल ने आगे लिखा, “जब हम यह लिख रहे हैं, हम काँप रहे हैं। इस फोटो को पोस्ट किया जाए या नहीं, इसको लेकर हम बार-बार असमंजस में थे। फैसला नहीं कर पा रहे थे। अंततः हमने इसे पोस्ट किया ताकि दुनिया को पता चल सके कि हमारे साथ, हमारे बच्चों के साथ क्या-क्या हुआ।”
दरअसल, गाजा पट्टी सिर्फ 400 मीटर दूर एक गाँव है, नाम है – किबुत्ज़ कफ़र अज़ा। यहाँ हमास के इस्लामी आतंकियों ने 100 से ज्यादा लोगों को मार डाला। इनमें 40 बच्चे भी शामिल हैं। 40 बच्चों की मौत और बर्बरता के साथ इस्लामी आतंकियों का नाम जुड़ गया तो फर्जी फैक्ट चेकर अब यह चिल्ला रहे कि इन बच्चों का गला नहीं काटा गया। बस इस पर चुप्पी है कि बच्चे मारे ही क्यों गए?
एक लड़की की लाश को अर्द्धनग्न कर पिक-अप वैन में घुमाया गया, उस पर थूका गया तो इस्लामी मजहब को मानने वाली भारत की एक महिला पत्रकार यह एंगल लेकर आ गई कि शायद उस लड़की ने मरते वक्त उतना ही कपड़ा पहना होगा… बस इस सवाल को नहीं उठा पाई कि आखिर मारा ही क्यों हमास के इस्लामी आतंकियों ने?
फिलिस्तीन में रहने वाले हमास के इस्लामी आतंकी जहाँ एक ओर इतनी बर्बरता कर रहे, वहीं दूसरी ओर दुनिया भर के कट्टर मुस्लिम और वामपंथी इनके समर्थन में जुटे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ तो जश्न भी मना रहे हैं। ऐसे लोगों में वे लोग भी शामिल हैं, जो पढ़े-लिखे हैं, बॉलीवुड में काम करते हैं।