दिल्ली MCD सफाईकर्मी धरमपाल पर नारियल बेचने वाले शाहरुख ने धारदार हथियार से घायल कर दिया। पीड़ित धरमपाल पर शाहरुख ने जातिगत टिप्पणियाँ कर उसे अपने काम से मतलब रखने के लिए कहा और उस पर लाठी-दराती से हमला कर दिया।
यह मामला 13 मई, 2020 का है। मंगोलपुरी दिल्ली निवासी धरमपाल वाल्मीकि दिल्ली MCD में सफाईकर्मी हैं। ऑपइंडिया ने जब पीड़ित परिवार से संपर्क किया तो पीड़ित धरमपाल के बड़े बेटे राजेश ने पूरी घटना को विस्तार से बताया।
MCD सफाईकर्मी धरमपाल पर शाहरूख ने किया हमला
राजेश ने कहा कि रोजाना की तरह ही बीते बुधवार को भी जब वो सड़क पर सफाई कर रहे थे। उसी समय वहाँ मस्जिद के पास नारियल बेचने वाले शाहरुख से उन्होंने कूड़े को सड़क पर ना फेंकने की अपील की। धरमपाल के बेटे राजेश ने फ़ोन कॉल पर बताया कि उनके पिता उन्हें बस ये सलाह दे रहे थे कि उन्हें अपनी दुकान का कूड़ा सड़क पर नहीं फेंकना चाहिए, क्योंकि यह गंदगी करने के साथ ही दुपहिया चालकों की जान के लिए भी खतरा हो सकता है।
MCD कर्मचारी धरमपाल के ये कहते ही शाहरुख ने उनकी जाति को लेकर टिप्पणी शुर कर दीं और उन्हें भद्दी गालियाँ भी दी।
देखते ही देखते वहाँ पर बहस होने लगी और शाहरुख ने पास में ही रखी लाठी उठाकर धरमपाल के कंधे और पेट पर मारी। इसके बाद शाहरुख ने नारियल काटने वाला हथियार उठाया और धरमपाल के शरीर पर कई वार किए।
धरमपाल पर किए गए हमले में चोट के निशान उनके शरीर पर देखे जा सकते हैं। धारदार हथियार को हाथ से रोकने की कोशिश में उनके हाथ में भी चोटें आई हैं
पीड़ित धरमपाल के बेटे राजेश ने बताया कि आरोपित शाहरुख, पुत्र इजाजवाली खान, द्वारा किए गए धारदार हथियार के हमले से उनके पिता वहीं सड़क पर गिरकर बेहोश हो गए थे। यह देखकर आसपास के लोग वहाँ पर इकट्ठे हो गए।
राजेश पीड़ित धरमपाल के सबसे बड़े बेटे हैं। ऑपइंडिया को इस घटना की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा –
“हमारे पिता MCD में सरकारी सफाईकर्मी हैं। वो बस अपनी ड्यूटी कर रहे थे। वो चाहते थे कि शाहरुख अपनी ठेली का कूड़ा सड़क पर ना फेंके। नारियल पानी की दुकान का कूड़ा सड़क पर चलने वाले लोगों के लिए भी असुविधा पैदा करता है। इतना कहने पर वो पिता जी को गाली देने लगा। हम वाल्मीकि समाज से आते हैं। शाहरुख ने उन्हें ** कहकर जातिगत टिप्पणी करते हुए गालियाँ दीं। और फिर उसने पिता जी पर हमला कर दिया। जिस हथियार से वो नारियल काटता था उसके वार से पिता जी को कई जख्म आए और वो वहीं सड़क पर गिर गए।”
पुलिस नहीं करना चाहती है जाँच और कार्रवाई
पीड़ित धरमपाल का कहना है कि जब वो संजय गाँधी अस्पताल से घर लौटे तो उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। उन्होंने कहा कि मंगोलपुरी थाने में मौजूद सब इंस्पेक्टर ने अस्पताल की कॉपी की फोटो लेकर अपने पास रख ली लेकिन इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।
ऑपइंडिया ने भी जब मंगोलपुरी थाना सब इंस्पेक्टर से फ़ोन पर सम्पर्क कर के धरमपाल के मामले में जानकारी माँगी तो उन्होंने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी।
पीड़ित धरमपाल के परिवार का कहना है कि जब कोरोना वायरस की महामारी के समय पूरा देश, शासन-प्रशासन कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित कर रहे हैं, तब उनके पिता के साथ ऐसा घिनौना व्यवहार किया गया है।
उन्होंने कहा कि उनके पिता को न्याय मिलने के बजाए लोग उनसे मिलकर सिर्फ अपनी व्यक्तिगत राजनीति को साधने का प्रयास कर रहे हैं।
धरमपाल के परिवार का बयान इस यूट्यूब लिंक पर देख सकते हैं –