Sunday, June 22, 2025
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मनीष सिसोदिया को झटका: क्लीनचिट देने वाली ATR खारिज, कोर्ट ने दिया नई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश

सोमवार को दाखिल एटीआर में कहा गया था कि ट्वीट की विषयवस्तु से मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता। मनीष सिसोदिया ने उस वीडियो क्लिप पर अपनी राय रखते हुए ट्वीट किया था जो कि कई न्यूज चैनलों पर चल रहा था।

दिल्ली की एक अदालत ने जामिया हिंसा मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दी गई क्लीन चिट देने वाली कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) को खारिज करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त को नए सिरे से रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। बता दें कि सिसोदिया ने ट्वीट कर जामिया हिंसा के दौरान बस जलाने का आरोप पुलिसकर्मी पर लगाया था। इस मामले में जाँच के बाद दिल्ली पुलिस ने सिसोदिया को क्लीन चिट देते हुए कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नई रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने पुलिस प्रमुख को 17 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। सोमवार को दाखिल एटीआर में कहा गया था कि ट्वीट की विषयवस्तु से मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता। मनीष सिसोदिया ने उस वीडियो क्लिप पर अपनी राय रखते हुए ट्वीट किया था जो कि कई न्यूज चैनलों पर चल रहा था।

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा शिकायत पर गौर करने के बाद पता चला कि ट्वीट पुलिस के खिलाफ महज आरोप थे और आईपीसी की धारा 153, 153-ए, 504,505 के तहत कोई अपराध नहीं बनता। जाँच में सिसोदिया के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है और उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता।

थाना तिलक मार्ग पुलिस की ओर से पेश की गई इस एटीआर रिपोर्ट का शिकायतकर्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने विरोध किया। अदालत ने शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद सिसोदिया को दी गई क्लीन चिट खारिज कर दी। बता दें कि अलख आलोक ने आईपीसी की धारा 153, 153-ए, 504 और 505 के तहत सिसोदिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की माँग करते हुए दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के नेता ने ट्विटर के जरिए फर्जी खबर फैलाकर दिल्ली पुलिसकर्मियों पर पिछले साल 15 दिसंबर को जामिया नगर में हिंसा के दौरान डीटीसी बस को जलाने का आरोप लगाया था।

उल्लेखनीय है कि सिसोदिया ने 15 दिसंबर 2019 को प्रदर्शन के दौरान हुई आगजनी का एक वीडियो शेयर करते हुए दिल्ली पुलिस पर ही बसों में आग लगाने का आरोप लगा दिया था। सिसोदिया ने ट्विटर पर कुछ फोटो शेयर कर दावा किया था कि दिल्ली पुलिस भाजपा के इशारों पर बसों को आग के हवाले कर रही है। हालाँकि गलती से उन्होंने दिल्ली पुलिस की वो फोटो शेयर कर दी, जिसमें पुलिस आग बुझाती हुई दिख रही है। जबकि, सिसोदिया ने दावा किया था कि पुलिस आग लगा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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