दिल्ली में चला आ रहा पुलिस बनाम वकीलों का टकराव खत्म होता दिख रहा है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार धरना, प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे पुलिस वालों की सभी माँगें मान ली गईं हैं, और 11 घंटे तक चली हड़ताल फ़िलहाल खत्म हो गई है। इसके पहले इस बारे में गृह मंत्री अमित शाह के घर बैठक भी हुई। बकौल न्यूज़ 18, उनकी माँगें थीं:
1. निलंबित पुलिस अधिकारी को बहाल करना,
2. घायल पुलिस अधिकारी को मुआवजा,
3. अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई,
4. सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील,
5. पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट करने वाले व्यक्तियों का सत्यापन,
6. निचले अधिकारियों के लिए पुलिस एसोसिएशन की माँग।
जॉइंट कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव ने पुलिस वालों को आज शाम (5 नवंबर, 2019 को) उनकी सभी माँगें मान लेने का आश्वासन उनसे मुलाकात करके दिया है। इसके पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्ननर अमूल्य पटनायक की अपील का पुलिस वालों पर कोई असर नहीं पड़ा था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस जहाँ एक तरफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी वहीं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है। ‘आम आदमी पार्टी’ ने कहा कि दिल्ली पुलिस ‘राजनीतिक इकाई’ में तब्दील हो गई है। यह बीजेपी की सशस्त्र शाखा की तरह काम कर रही है, जबकि इसका काम कानून-व्यवस्था बनाए रखने का है। वकीलों के समर्थन में आई आप ने दिल्ली पुलिस पर कई सवाल खड़े किए हैं।
BJP has emboldened Delhi Police so much that we are living in a Police State.
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) November 5, 2019
The Police is least concerned about basic law & order issues in Delhi. Police officers are so arrogant.
Delhi Police has been converted into Political Entity and works like a Armed Wing of BJP. pic.twitter.com/jArD95vF7E
पिछले हफ्ते के शनिवार (2 नवंबर, 2019 को) पार्किंग विवाद को लेकर दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट के बाहर वकीलों और पुलिस के बीच हिंसा हुई थी। एक पुलिस कार और 20 अन्य वाहनों को आग लगा दी गई थी। 2 पुलिस वालों को दिल्ली हाई कोर्ट ने सस्पेंड कर दिया था और न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए थे।
इस मामले के खिलाफ आज दिल्ली के हज़ारों पुलिस वाले वर्दी उतार कर सादे कपड़ों में विरोध प्रदर्शन और हड़ताल करने लगे थे। इसके अलावा कई वर्तमान और भूतपूर्व अफसरों ने भी इसके खिलाफ ट्विटर पर आवाज़ उठाई। जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने लिखा कि उन पुलिस वालों की हालत देखना दुखद है जो अपनी पूरी ज़िंदगी कानून व्यवस्था बनाए रखने में बिताते हैं।
Saddened to see such treatment meted out to Police officers who spend their entire lives protecting civil society and maintaining law & order @DelhiPolice https://t.co/RPyQplVcmO
— Shesh Paul Vaid (@spvaid) November 5, 2019
कर्नाटक की सेवारत आईपीएस डी रूपा ने लिखा कि अगर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस वालों का मनोबल गिरेगा।
Mockery of the system. I only wish people at helm of affairs take strictest action. Else morale of the force suffers n will embolden hooligans to take law into their hands. https://t.co/Dz5Jnpuclw
— D Roopa IPS (@D_Roopa_IPS) November 4, 2019
वे उस ट्वीट को रीट्वीट कर रहीं थीं, जिसमें कल (4 नवंबर, 2019 को) एक पुलिस वाले के साथ वकीली कपड़े पहने लोगों द्वारा हाथापाई का वीडियो था। वीडियो में बताया गया था कि यह साकेत कोर्ट का दृश्य है।
After Tis Hazari, Karkardooma, it’s Saket court today. No fear of the law and tearing apart the order. No argument can justify this behaviour. What’s more surprising is the way @DelhiPolice is handling with its hands tied due to lack of a strong leadership at the top. pic.twitter.com/SdnQ4uG9HO
— Sidharth Bhardwaj (@SidharthB25) November 4, 2019
अंडमान और निकोबार के डीजीपी दीपेंद्र पाठक ने भी कहा कि काले कोट की आड़ में सामाजिक व्यवस्था के लिए खतरा बने लोगों में डर बैठाना ज़रूरी है।
Lumpen elements in the garb of Black Coat are on total rampage endangering social orderliness in Delhi. Fear of law need to be instilled among these mischief mongers.@DelhiPolice need to interpose pending Police-Lawyer clash cases.
— Dependra Pathak (@Dependra_Pathak) November 4, 2019
आईपीएस एसोसिएशन ने भी घटना की निंदा में ट्वीट करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कानून तोड़ने वाले सभी लोगों की कड़ी निंदा करते हुए सभी पुलिस वालों को हमले के शिकार पुलिस वालों के साथ खड़ा बताया।
Lumpen elements in the garb of Black Coat are on total rampage endangering social orderliness in Delhi. Fear of law need to be instilled among these mischief mongers.@DelhiPolice need to interpose pending Police-Lawyer clash cases.
— Dependra Pathak (@Dependra_Pathak) November 4, 2019