Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजफ्री चिकन देने से इनकार करने पर पड़ोसियों ने मुर्गियों को परोसा ज़हर

फ्री चिकन देने से इनकार करने पर पड़ोसियों ने मुर्गियों को परोसा ज़हर

अपनी शिकायत में, गुड्डी बाई ने बताया कि जब वह काम के लिए बाहर गई थी तो आरोपित सुरेंद्र और सुमेर उसके घर आए और उसकी बेटी से एक मुर्गी माँगी......

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक महिला की मुर्गियों को ज़हर देने का मामला सामने आया है। गुड्डी बाई नाम की महिला ने रविवार (30 जून) को जब यह शिक़ायत झांसी रोड पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई तब यह घटना सामने आई।

शिक़ायत के अनुसार, झांसी रोड थाना क्षेत्र में वैष्णो धाम मंदिर के पास रहने वाली गुड्डी बाई ने दावा किया कि उसके पड़ोसियों ने उसके एक मुर्गे और चार मुर्गियों को मार दिया।

गुड्डी बाई ने कहा कि वह रोज़मर्रा के श्रम से अपना जीवनयापन करती है जो कि पर्याप्त नहीं था इसलिए उसने अंडे बेचकर अतिरिक्त धन कमाने के लिए मुर्गियों को पालना शुरू कर दिया। गुड्डी बाई ने दावा किया कि उसके पड़ोसी सुरेंदर और सुमेर ने उससे एक मुर्गी माँगी थी।

अपनी शिकायत में, गुड्डी बाई ने बताया कि जब वह काम के लिए बाहर गई थी तो आरोपित सुरेंद्र और सुमेर उसके घर आए और उसकी बेटी से एक मुर्गी माँगी।

हालाँकि, जब गुड्डी बाई की बेटी ने उन्हें चिकन देने से इनकार कर दिया, तो दोनों पड़ोसियों ने मुर्गे की गर्दन को काट दिया और अन्य चार मुर्गियों को ज़हर दे दिया।

जब गुड्डी बाई काम से वापस आई, तो उसने अपनी मुर्गियों को मृत पाया। जब उनकी बेटी ने इस घटना के बारे में बताया, तो गुड्डी बाई ने अपनी मृत मुर्गियों को झांसी रोड पुलिस स्टेशन ले गई और शिक़ायत दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

झांसी रोड पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक और मामले के जाँच कर रहे अधिकारी, राजीव के अनुसार, ‘गुड्डी बाई ने सुरेंद्र और सुमेर के ख़िलाफ़ शिक़ायत दर्ज की है, जिसके आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-429 के तहत मामला दर्ज किया गया है।’

जाँच अधिकारी ने बताया कि क़ानून के अनुसार, अगर 50 रुपए से अधिक क़ीमत के किसी भी जानवर को मार दिया जाए या ज़हर दिया जाए, तो आरोपित को 5 साल की जेल होगी या उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। हालाँकि, जानवर के मालिक के साथ समझौता करना भी एक विकल्प हो सकता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -