Saturday, July 27, 2024
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धुले के किसान ने ‘मन की बात’ में जिक्र के लिए PM का जताया आभार, नए कृषि कानून से हुए फायदे के बारे में भी बताया

“मुझे खुशी है कि पीएम मोदी जी ने आज ('मन की बात' में) मेरा उदाहरण दिया। मुझे मध्य प्रदेश के एक व्यापारी ने धोखा दिया। नए खेत कानूनों की मदद से मैंने इसके बारे में शिकायत दर्ज की और तुरंत कार्रवाई की गई।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (नवंबर 29, 2020) को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में धुले ज़िले के जितेंद्र भोइजी द्वारा नए कृषि कानून से लाभ प्राप्त करने के बारे में बताया था। जितेंद्र ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि पीएम मोदी जी ने आज (‘मन की बात’ में) मेरा उदाहरण दिया। मुझे मध्य प्रदेश के एक व्यापारी ने धोखा दिया। नए खेत कानूनों की मदद से मैंने इसके बारे में शिकायत दर्ज की और तुरंत कार्रवाई की गई।”

उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के एक व्यापारी ने उनसे मक्का खरीदा और पैसे नहीं दिए। नए कृषि कानून के तहत केस दर्ज करवाने के बाद उन्हें पैसे वापस मिले।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था कि महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जितेंद्र भोइजी ने मक्का की खेती की थी। सही दाम के लिए उन्होंने फसल व्यापारी को बेचना तय किया। तीन लाख 32 हजार रुपए का पेमेंट तय हुआ था। 25 हजार रुपए उन्हें एडवांस मिल गए थे। बाकी पैसा 15 दिन में चुकाने की बात हुई थी। लेकिन उन्हें बाकी पेमेंट नहीं मिला।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मक्का खरीदने वाले बरसों से चली आ रही उसी परंपरा को निभा रहे थे कि ‘किसान से फसल खरीद लो, महीनों तक पेमेंट न करो’। चार महीने तक जितेंद्र का पेमेंट नहीं हुआ था। सितंबर से जो नए कृषि कानून बने हैं, इस कानून में यह तय हुआ है कि फसल खरीदने के तीन दिन में ही किसान को पूरा पैसा पेमेंट करना है। किसान शिकायत दर्ज कर सकता है। क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा। ऐसे में जितेंद्र की शिकायत का समाधान होना था। शिकायत के चंद दिन में उनका बकाया मिल गया। इस प्रकार कानून की सही और पूरी जानकारी जितेंद्र की ताकत बनी।

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम मन की बात के दौरान किसानों से जुड़े मसले पर खासतौर से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नए संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो माँग थी, जिन माँगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था, वो माँगें पूरी हुई हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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