उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल में नर्स से छेड़छाड़ के मामले में तबलीगी जमात से जुड़े 5 लोगों को पुलिस ने बुधवार (मई 6, 2020) को गिरफ्तार कर लिया। क्वारंटाइन पीरियड खत्म होते ही पुलिस ने इन जमातियों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपितों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
एसएचओ विष्णु कौशिक ने बताया कि 2 मार्च को एमएमजी अस्पताल में 10 जमातियों को रखा गया था। अस्पताल की नर्सों ने पाँच जमातियों पर आरोप लगाया था कि वह पायजामा उतारकर वार्ड में घूम रहे थे। बार-बार सिगरेट माँग रहे थे। मना करने पर बदसलूकी कर रहे थे। इसके बाद सीएमएस की शिकायत पर आरोपितों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था।
गाजियाबाद के अस्पताल में नर्सों से छेड़छाड़ करने वाले 5 जमाती गिरफ्तार https://t.co/2EeRky6MXz via @NavbharatTimes
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) May 6, 2020
मुकदमा दर्ज होने के बाद सभी जमातियों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया था। सभी जमातियों का क्वारंटाइन का समय बुधवार को पूरा हुआ। इसके बाद उन पर यह कार्रवाई की गई है। पुलिस का कहना है कि आरोपितों को जेल में अन्य कैदियों के साथ नहीं रखा जाएगा। अभी आरोपितों को अलग-थलग रखा जाएगा। हालाँकि अभी आरोपितों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं है। वह बिल्कुल स्वस्थ्य हैं।
दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने क्वारंटाइन पूरा करने वाले तबलीगी जमात के करीब चार हजार सदस्यों को छोड़ने का आदेश दिया है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि निजामुद्दीन मरकज/तबलीगी जमात के ठीक हुए सभी लोगों को घर जाने दिया जाए। दिल्ली के स्वास्थ्य और गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि जिन पर केस दर्ज हैं, उन्हें पुलिस हिरासत में भेजा जाए और बाकियों को अपने-अपने घर जाने दिया जाए।
गौरतलब है कि जमातियों की बदतमीजियों और बदसलूकी की घटनाएँ सामने आने के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों की वकालत करने वाला समूह सक्रिय हो गया था। इनको हमेशा माफ कर देने वाले समूह ने इनके समर्थन में उतरकर उनके बचाव की भरपूर कोशिश की। इन्हीं में से एक थे- वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) के स्तंभकार सदानंद धुमे। उन्होंने ये साबित करने का भरसक प्रयास किया कि देश को कोरोना संकट में डालने वाले तबलीगी जमात के सदस्य निर्दोष हैं।
सदानंद धुमे ने द वायर की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी, जिन्होंने भी तबलीगी जमात के सदस्यों का बचाव किया और नर्सों पर झूठ बोलने का आरोप लगाया, के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो तबलीगी जमात के विचारों के प्रशंसक नहीं है, लेकिन जिस किसी ने भी उनके साथ समय बिताया है, उनको पता है कि उनका रुढ़िवाद महिलाओं के लिए कितना उपयुक्त और पवित्र है।
दरअसल, धुमे अपने ट्वीट के माध्यम से यह कहना चाह रहे थे कि सबसे पहली बात तो ये कि मजहबी मर्द न तो छेड़छाड़ कर सकते हैं और न ही बलात्कारी हो सकते हैं और दूसरी बात उन्होंने कही कि जिन नर्सों ने तबलीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ दुर्व्यवहार की शिकायत की थी, वे झूठ बोल रही थीं क्योंकि वो समुदाय की छवि को धूमिल करना चाहती थीं। धुमे ने मजहब के लोगों को धार्मिक पुरुष साबित करने की कोशिश और उनके बचाव में नर्सों द्वारा लिखित शिकायत को नकार दिया।