Sunday, September 1, 2024
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अर्बन नक्सल गौतम नवलखा के हिजबुल और कश्मीरी अलगाववादियों से सीधे संबंध: महाराष्ट्र सरकार

अर्बन नक्सल केस के आरोपी गौतम नवलखा ने हाईकोर्ट में याचिका डालकर उन पर दर्ज हुए मामले को खत्म करने की अपील की थी। मुम्बई हाईकोर्ट ने इस पर राज्य सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा था।

भीमा कोरेगाँव केस में आरोपित अर्बन नक्सल गौतम नवलखा के सम्बन्ध में एक और खुलासा हुआ है। पुणे पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने यह दावा किया कि गौतम नवलखा हिज्बुल मुजाहिद्दीन और कई कश्मीरी अलगाववादियों के संपर्क में था। जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भारती डोंगरे की बेंच ने हालाँकि, नवलखा की गिरफ्तारी पर लगी रोक अगले आदेश तक बढ़ा दी है।

इस मामले में सुनवाई गुरुवार को को भी जारी रहेगी। राज्य सरकार की तरफ से वकील अरुणा पई ने कोर्ट में पुणे पुलिस की चार्जशीट के आधार बताया, “भीमा कोरेगाँव की जाँच में यह निकल कर आया है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन के जरिए माओवादियों को हथियार सप्लाई करवाए गए थे।”

बता दें कि 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एलगार परिषद सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें भड़काऊ भाषण दिए गए थे जिसके अगले दिन पुणे के भीमा कोरेगाँव में हिंसा हुई थी। इसके बाद FIR दर्ज की गई थी और 28 अगस्त, 2018 को पुलिस ने छापेमारी कर कई वामपंथी अर्बन नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। हिरासत में जिनको लिया गया था उनमें से एक गौतम नवलखा भी थे।

गौरतलब है कि अर्बन नक्सल केस के आरोपी गौतम नवलखा ने हाईकोर्ट में याचिका डालकर उन पर दर्ज हुए मामले को खत्म करने की अपील की थी। मुम्बई हाईकोर्ट ने इस पर राज्य सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा था।

राज्य सरकार की तरफ से वकील अरुणा पई ने कहा कि भीमा कोरेगाँव की जाँच के दौरान पुणे पुलिस को आरोपी रोना विल्सन और सुरेंद्र गण्डलिक के लैपटॉप से कुछ अहम दस्तावेज मिले हैं। इनसे पता चलता है कि गौतम नवलखा और कुछ नक्सल समूह साल 2011 से ही पाकिस्तानी आंतकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से सपर्क में थे। इसके अलावा साल 2011 से 2014 के बीच मे गौतम नवलखा कश्मीर के अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी और शकील बख्शी से भी सम्पर्क में थे।

बता दें कि माओवादियों के साथ संबंधों को लेकर पुणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर गौतम नवलखा ने सरकार पर आरोप लगाया था। नवलखा का कहना था कि उनके खिलाफ दर्ज मामला सत्ता खासतौर से मोदी के विरोधियों को निशाना बनाने के लिए सरकार की राजनीतिक चाल है।

हालाँकि, बाद में नवलखा को कोर्ट की तरफ अंतरिम जमानत दे दी गई थी। लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम छूट का महाराष्ट्र सरकार लगातार विरोध करती रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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