डॉक्टरों और मेडिकल कर्मचारियों पर हो रहे हमलों पर अब केंद्र सरकार सख्त हो गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी है कि सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया है, जिसमें डॉक्टरों पर हमला करने वालों के लिए कड़ी सज़ा का प्रावधान है। इसमें मेडिकल कर्मचारियों और आशा कर्मचारियों की भी सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। उन पर हमला करने वालों को 6 महीने से लेकर 7 साल तक के जेल की कड़ी सज़ा मिल सकती है।
साथ ही हमलावरों पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो घटना की गंभीरता पर निर्भर होगा। हाल ही में डॉक्टरों पर लगातार हो रहे हमलों के कारण ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ भी नाराज़ था और इसके बैनर तले देश भर के मेडिकल कर्मचारियों ने प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद आईएमए ने अपना विरोध प्रदर्शन ख़त्म किया। आईएमए लगातार माँग कर रहा था कि इसके लिए कोई कड़ा क़ानून बनाया जाए।
इसके लिए एसोसिएशन ने एक ‘वाइट अलर्ट’ जारी किया था, जिसके तहत इन हमलों के विरोध में 22 अप्रैल को कैंडल जला कर प्रदर्शन किया गया था। एसोसिएशन ने कहा कि ये अलर्ट एक तरह की वार्निंग है। मुरादाबाद सहित कई अन्य इलाक़ों में भी ऐसे ही डॉक्टरों ओर हमले किए गए थे। इंदौर में भी डॉक्टरों पर हमले हुए थे। डॉक्टरों ने कहा था कि अगर उनकी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई तो फिर उनके पास घर में बैठने के अलावा क्या बच जाएगा?
If damage is done to the vehicles or clinics of healthcare workers, then a compensation amounting to twice the market value of the damaged property will be taken from the accused: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/XOM6tDP5QA
— ANI (@ANI) April 22, 2020
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन ने अमित शाह के साथ मिल कर देश भर के कई डॉक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बातचीत की और साथ ही उन्हें आश्वासन दिया। अब इसके बाद उनका विरोध प्रदर्शन भी ख़त्म हो गया है। मंत्रियों ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा और सम्मान करना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। हालाँकि, आईएमए के कई पूर्व अधिकारियों ने भी डॉक्टरों से अपील की थी कि वो ऐसा कुछ भी न करें, जिससे इस आपदा की घड़ी में देश की जनता के लिए दिक्कतें खड़ी हो।