गुजरात दंगों में तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आज (25 जून 2022) गुजरात एटीएस टीम ने तीस्ता को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। उनके ऊपर दंगों के दौरान गुजरात की छवि खराब करने का आरोप है।
Gujarat ATS detained activist #TeestaSetalvad and took her to Santacruz Police Station,Mumbai. pic.twitter.com/FS257tUroP
— Nikhil Choudhary (@NikhilCh_) June 25, 2022
रिपोर्ट्स के अनुसार, तीस्ता के खिलाफ यह कार्रवाई आईपीसी की धारा 498 के तहत दर्ज एफआईआर पर हुई। उन्हें लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गुजरात दंगों से जुड़े मामले में उनकी भूमिका पर और छानबीन की जरूरत है। अब शनिवार को गुजरात एटीएस की टीम उन्हें संता क्रूज पुलिस थाने लेकर गई है। वहाँ से उन्हें अहमदाबाद ले जाया जाएगा।
Gujarat ATS team reaches Teesta Setalvad’s residence in Mumbai related to a case on her NGO pic.twitter.com/N2hkuqPG00
— ANI (@ANI) June 25, 2022
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने भी फैसला पढ़कर तीस्ता का जिक्र किया था। अपने हाल में दिए इंटरव्यू में कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ की एनजीओ ने गुजरात दंगों में फर्जी जानकारी फैलाने का काम किया था।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज किया था। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जो पीएम मोदी समेत 55 नेताओं को क्लिन चिट दी थी उस पर सवाल उठाए गए थे। कोर्ट ने कहा था कि तीस्ता इस मामले में शुरू से घुसी रहीं और जाफरी की भावनाओं का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए किया।
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए ये भी कहा था कि जो लोग कानून से खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए। इसी दौरान उन्होंने तीस्ता का नाम भी लिया था।
तीस्ता को लेकर मालूम हो कि ये वही कथित सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिनके ऊपर आरोप था कि इन्होंने 2002 के दंगा पीड़ितों की मदद के लिए इन्होंने अपने एनजीओ के जरिए पैसा इकट्ठा किया। लेकिन बाद में अपनी सुविधाओं और खर्चे की पूर्ति के लिए उसका इस्तेमाल कर लिया। ये आरोप उस दौरान प्रकाश में आया था, जब गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी के एक निवासी ने इस मामले में शिकायत की थी।