Thursday, May 22, 2025
Homeदेश-समाजमाँ ने कहा था- 'मेरी चिंता नहीं अपनी ड्यूटी करो': अंतिम संस्‍कार के फौरन...

माँ ने कहा था- ‘मेरी चिंता नहीं अपनी ड्यूटी करो’: अंतिम संस्‍कार के फौरन बाद ड्यूटी पर लौटे गुजरात के दो डॉक्‍टर

माँ की सीख को याद करते हुए डॉ. शिल्पा ने कहा कि उनकी माँ ने सदैव यही कहा कि वो बिना किसी चिंता के अपनी ड्यूटी पर ध्यान दें। यही बात उन्होंने मृत्यु से कुछ घंटे पहले भी कही। अपनी माँ की इसी सीख का सम्मान करते हुए डॉ. शिल्पा ने अपनी माँ का अंतिम संस्कार किया और काम पर लौट आईं।

कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान एक ओर जहाँ देश में लापरवाही और संवेदनहीनता की खबरें आती रहती हैं, वहीं दूसरी ओर गुजरात से एक ऐसी खबर आई जिसने कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी की मिसाल कायम की। दरअसल, गुजरात में दो कोरोना डॉक्टर अपनी माँ का निधन होने के बाद उनका अंतिम संस्कार करके तुरंत ही अपनी ड्यूटी पर लौट आए और मरीजों की सेवा में जुट गए। इनमें से एक डॉक्टर की माँ की मृत्यु कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते हुई जबकि दूसरे कोरोना डॉक्टर की माँ बुढ़ापे की परेशानियों के चलते स्वर्गवासी हुईं।

माँ के अंतिम संस्कार के बाद काम पर लौटीं डॉ. शिल्पा :

डॉ. शिल्पा पटेल गुजरात के वड़ोदरा में राज्य द्वारा संचालित SSG अस्पताल में एनाटॉमी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर पदस्थ थीं। उनकी 77 वर्षीय माँ कान्ता अंबालाल पटेल 7 अप्रैल को कोरोनावायरस से संक्रमित हो गईं जिसके बाद उन्हें मेहसाना से वड़ोदरा लाया गया जहाँ उन्हें SSG अस्पताल में भर्ती किया गया। 15 अप्रैल को कान्ता की मौत हो गई।

इसके बाद डॉ. शिल्पा पटेल ने अपने भाई के साथ मिलकर अपनी माँ के शव का कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार किया और पीपीई किट पहनकर अपनी ड्यूटी पर वापस लौट आईं।

परिवार के साथ किया अपनी माँ का अंतिम संस्कार और काम पर लौट आए डॉ. राहुल परमार :

वड़ोदरा के SSG अस्पताल में ही प्रिवेन्टिव एण्ड सोशल मेडिसिन विभाग में पदस्थ डॉ. राहुल परमार की माँ की स्वाभाविक मृत्यु हुई। गुरुवार (15, अप्रैल) को गाँधीनगर डॉ. परमार की माँ कान्ता परमार (67 वर्ष) बुढ़ापे की समस्याओं के चलते स्वर्ग सिधार गईं। डॉ. परमार ने कहा कि उनकी माँ की मृत्यु एक स्वाभाविक मृत्यु ही थी और अपने परिवार के साथ उनका अंतिम संस्कार करके वह वापस अपने काम पर लौट आए। डॉ. परमार मध्य गुजरात के सबसे बड़े अस्पताल में कोविड मैनेजमेंट के नोडल अधिकारी तथा डेड बॉडी डिस्पोजल टीम का हिस्सा हैं।

माँ की ही सीख ने किया प्रेरित :

अपनी माँ की सीख को याद करते हुए डॉ. शिल्पा ने कहा कि उनकी माँ ने सदैव यही कहा कि वो बिना किसी चिंता के अपनी ड्यूटी पर ध्यान दें। यही बात उन्होंने मृत्यु से कुछ घंटे पहले भी कही। अपनी माँ की इसी सीख का सम्मान करते हुए डॉ. शिल्पा ने अपनी माँ का अंतिम संस्कार किया और काम पर लौट आईं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सारे कपड़े जला दिए ताकि बदन न ढक सके औरतें, घरों के पानी के कनेक्शन काटे ताकि आग न बुझा सके: मुर्शिदाबाद में कुल्हाड़ी...

मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के घर में रखे सभी कपड़ों को जला दिया गया, ताकि घर की महिलाओं के पास अपने शरीर को ढकने के लिए कुछ भी न बचे।

‘कानून व्यवस्था के लिए खतरा है धर्मांतरण, पीड़ित की शिकायत के बिना भी एक्शन ले सकती है सरकार’: इलाहाबाद हाई कोर्ट, लालच देकर दुर्गा...

कोर्ट ने माना कि FIR और गवाहों के बयान ऐसे अपराध को दर्शाते हैं, जिनकी जाँच जरूरी है। इसलिए कोर्ट ने जाँच में दखल देने से इनकार कर दिया।
- विज्ञापन -