Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाज300 साल पुरानी परंपरा छोड़ 240 मुस्लिम बने हिंदू: हिसार के बिठमड़ा गाँव का...

300 साल पुरानी परंपरा छोड़ 240 मुस्लिम बने हिंदू: हिसार के बिठमड़ा गाँव का मामला

इससे पहले हरियाणा के जींद जिले के दनौदा गाँव में रहने वाले 6 मुस्लिम परिवारों करीब 35 सदस्यों ने हिंदू धर्म को अपना लिया था। दरअसल 18 अप्रैल को बुजुर्ग निक्काराम की मौत के बाद उनके शव का भी हिंदू रीति से दाह संस्कार किया गया था।

हरियाणा से एक बार फिर मुस्लिम परिवारों के हिंदू धर्म में वापसी करने की खबर सामने आई है। हिसार जिले के एक गाँव में दशकों से रह रहे 30 परिवारों के करीब 240 लोगों ने अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है। इससे पहले परिवार के लोगों ने घर की एक वृद्धा की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाजों से किया।

जानकारी के मुताबिक हिसार जिले के उकलाना मंडी के बिठमड़ा गाँव निवासी सतबीर सिंह की माता फूल देवी का शुक्रवार (8 मई, 2020) को निधन हो गया। सतबीर ने अपनी माता का अंतिम संस्कार गाँव के ही स्वर्ग आश्रम में हिंदू रीति-रिवाज से किया। इसके बाद पूरे परिवार ने पूर्ण रूप से हिंदू धर्म अपनाने की घोषणा कर दी।

सतबीर सिंह ने बताया कि इससे पहले हमारे परिवार में कोई सदस्य मर जाता था तो हम उसे दफनाते या मिट्टी देते थे। लेकिन आज हम सब ने स्वेच्छा से हिंदू रीति-रिवाज के द्वारा यह अंतिम संस्कार किया। उन्होंने बताया कि औरंगजेब के समय उनके पूर्वजों ने दवाब में आकर मुस्लिम धर्म अपना लिया था। लेकिन आजादी के बाद से ही उनका भाइचारा हिंदुओं से है। हमारे समाज में हिंदू पद्धति (गंधर्व विवाह) से बच्चों का विवाह होता है।

उन्होंने कहा कि हम सभी ने बिना किसी के दबाव में आए हिंदू धर्म में वापसी की है। सतबीर ने बताया कि उनके परिवार के बुजुर्ग आजादी से पहले गाँव दनौदा से आकर गाँव बिठमड़ा में बस गए थे। तब से इसी गाँव में सुख-शांति से परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। गाँव के अन्य लोगों ने उनके फैसले का तहे दिल से स्वागत किया है।

गाँव के ही सतीश पातड़ ने बताया कि डूम परिवारों के इस फैसले का पूरे गाँव ने सम्मान किया है। बताया जा रहा है कि डूम समाज से ताल्लुक रखने वाले 30 परिवारों के करीब 240 सदस्य गाँव में दशकों से हिंदू रीति-रिवाज से ही अपना जीवन-यापन कर रहे थे। होली, दीवाली, नवरात्र आदि हर्ष उल्लास के साथ मनाते थे।

ये लोग न तो निकाह करते थे और न ही खतना। सिर्फ परिवार के किसी सदस्य की मौत होने पर उसे मुस्लिम रीति से दफनाते थे, इसलिए ग्रामीण इन्हें मुस्लिम मानते थे। अब इन परिवारों ने इसे भी त्याग दिया है।

आपको बता दें कि इससे पहले हरियाणा के जींद जिले के दनौदा गाँव में रहने वाले 6 मुस्लिम परिवारों करीब 35 सदस्यों ने हिंदू धर्म को अपना लिया था। दरअसल 18 अप्रैल को बुजुर्ग निक्काराम की मौत के बाद उनके शव का भी हिंदू रीति से दाह संस्कार किया गया था। इसके बाद परिवार के सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई और फिर घर पर हवन यज्ञ करा जनेऊ पहन हिंदू धर्म में वापसी कर ली थी। इस फैसले का भी गाँव के लोगों ने बखूबी सम्मान किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -