उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में 3 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा (Kanpur Violence) के प्रमुख आरोपित हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) को गिरफ्तार करने के बाद रविवार (5 मई 2022) को कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद जफर समेत चार आरोपितों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
वहीं, आज गिरफ्तार किए गए 5 आरोपितों को पुलिस सोमवार को कोर्ट में पेश करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को इस बात की उम्मीद है कि इन 14 दिनों के पूछताछ में हयात जफर और उसके साथी कई अहम खुलासे कर सकता हैं।
कौन है हयात जफर हाशमी
कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) मामले की साजिश रचने वाले वाले जफर हयात हाशमी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। हयात जफर हाशमी पर हिंसा फैलाने और लोगों को भड़काने का आरोप है। उसी ने फेसबुक के जरिए पोस्ट के जरिए लोगों को कानपुर में बाजार बंद करने और जेल भरो आंदोलन की अपील की थी।
जफर हयात हशामी मौलाना मुहम्मद जौहर अली फैन्स एसोसिएशन का संचालक है। इसके पहले उसका नाम CAA-NRC के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में भी सामने आया था। इस मामले में कानपुर के कर्नलगंज थाने में जफर हयात हाशमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
राशन कोटे की दुकान चलाने वाला हयात जफर हाशमी सांप्रदायिक नफरत फैलाने का उस्ताद माना जाता है। इस्लाम के नाम पर हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई को बढ़ाते हुए जफर हाशमी शहर में कई बार उपद्रव करा चुका है। अपने नापाक मंसूबों अंजाम देने के लिए उसने अपनी अम्मी और बहन को भी उकसाया था। उसी के कहने पर उसकी अम्मी और बहन ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा आत्मदाह कर ली थी।
PFI का कनेक्शन भी आया सामने
कानपुर हिंसा में इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की संलिप्तता के सबूत मिले हैं। इस हिंसा के मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी के घर से पुलिस ने ये दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस कमिश्नर विजय मीणा का कहना है कि PFI से जुड़े कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। ये कागजात आरोपित हयात जफर हाशमी के घरों से बरामद किए गए हैं। पुलिस की अब तक की जाँच में इस घटना का मास्टरमाइंड हयात ही है। हयात ने 3 जून को PFI को कॉल भी किया था।