Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजकानपुर दंगे से कनेक्शन वाला कौन है हयात जफर हाशमी? माँ-बहन को उकसा आत्मदाह...

कानपुर दंगे से कनेक्शन वाला कौन है हयात जफर हाशमी? माँ-बहन को उकसा आत्मदाह कराने वाले का है कॉन्ग्रेसी गठजोड़

यति नरसिंहानंद के बयान और जितेंद्र त्यागी बने वसीम रिजवी द्वारा कुरान की आयतों को लेकर कोर्ट में दी गई याचिका को लेकर भी जफर हाशमी ने खूब बवाल काटा था और जमकर लोगों से विरोध प्रदर्शन करवाए थे। हाशमी के जहरीले बोल वाले कॉन्ग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी के साथ भी ताल्लुक हैं।

उत्तर प्रदेश के कानुपर में शुक्रवार (3 जून 2022) को नमाज के बाद हुई हिंसा का सूत्रधार मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष हयात जफर हाशमी को बताया जा रहा है। हाशमी के कहने पर ही शहर में 3 जून को बंद का आह्वान करते हुए पोस्टर लगाए गए थे। यह पहले भी शहर में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाकर माहौल को खराब करने की कोशिश कर चुका है।

राशन कोटे का दुकान चलाने वाला हयात जफर हाशमी सांप्रदायिक नफरत फैलाने का उस्ताद माना जाता है। यह पहले भी कई मौकों पर शहर में नफरत के बीज बो चुका है। इतना ही नहीं, इस्लाम के नाम पर हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई को बढ़ाते हुए जफर हाशमी शहर में कई बार उपद्रव करा चुका है।

लाउडस्पीकर पर सरकारी आदेश के बावजूद हयात जफर हाशमी का भड़काऊ पोस्ट

इतना ही नहीं, अपने मंसूबों के लिए इसने अपनी माँ और बहन तक इस्तेमाल कर लिया। हाशमी ने मकान खाली कराने को लेकर अपनी माँ और बहन को उकसाया और उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय भेजा था। यहाँ पर दोनों ने इसके कहने पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी। बाद में उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, हयात जफर हाशमी सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहता है और लोगों को उकसाते रहता है। NRC और CAA के विरोध के नाम पर हुए बवाल के दौरान भी इसने सक्रिय भूमिका निभाई थी। इसी तरह यह विरोध प्रदर्शनों का अगुआ रह चुका है।

पिछले साल 21 अक्टूबर को हयात जफर हाशमी ने मूलगंज से मेस्टन रोड, शिवाला बाजार, रामनारायण बाजार होते हुए फूलबाग तक जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला था। इस जुलूस को लेकर उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। हालाँकि, यह सोशल मीडिया पर समाजसेवी होने का खूब दिखावा करता है।

यति नरसिंहानंद के बयान और जितेंद्र त्यागी बने वसीम रिजवी द्वारा कुरान की आयतों को लेकर कोर्ट में दी गई याचिका को लेकर भी जफर हाशमी ने खूब बवाल काटा था और जमकर लोगों से विरोध प्रदर्शन करवाए थे। हाशमी के जहरीले बोल वाले कॉन्ग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी के साथ भी ताल्लुक हैं।

सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैसर हसन मजीदी का कहना है कि कानुपर में शुक्रवार को जो बवाल हुआ है, उसका कहीं-न-कहीं पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ms कनेक्शन है। PFI के स्थानीय सक्रिय सदस्यों की मदद से इस हिंसा को अंजाम दिया गया।

कैसे साजिश रची गई दंगे की साजिश

दरअसल, 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर डिबेट के दौरान मुस्लिम नेताओं के आपत्तिजनक बयान पर भाजपा नेता नुपुर शर्मा ने विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि अगर मुस्लिमों के पैगंबर मोहम्मद को लेकर वह भी कुछ कहेंगी तो बुरा लगेगा। नूपुर शर्मा के बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई।

इसके बाद 27 मई को मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने इसके विरोध में कानपुर बाजार बंद करने का ऐलान किया। नूपुर के बयान पर कानपुर में पोस्टर लगाए गए। वहीं, 28 मई को हयात ने जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया।

मुस्लिम इलाकों के हजारों लोगों ने हयात को समर्थन देते हुए एक बैठक की। इसके बाद हयात ने 5 जून तक बंदी और जेल भरो आंदोलन टाल दिया, लेकिन बाजार में लगे 3 जून के बंदी के पोस्टर नहीं हटाए गए। 2 जून को बेकनगंज इलाके में फिर दुकानों को बंद करने की अपील की गई।

शुक्रवार को मस्जिदों की तकरीरों में मौलानाओं ने कहा कि वे पैगंबर मुहम्मद पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके बाद नमाज पढ़कर निकले लोगों ने जबरन दुकानें बंद करानी शुरू कर दीं। दूसरे पक्ष ने दुकानें बंद करने से मना किया तो उन पर पत्थरबाजी की जाने लगी।

इस तरह यह घटना कानपुर के कई इलाकों में एक साथ शुरू हो गई। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि घटना बहुत सोची-समझी साजिश के तहत की गई है। हालाँकि, प्रशासन के साथ बातचीत में जफर ने बंद के आह्वान को वापस लेने की बात कही, लेकिन हालात को देखकर कहा जा सकता है कि यह बस दिखावा मात्र था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -