Wednesday, July 16, 2025
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‘हिन्दुओं के खिलाफ हेट स्पीच की भी जाँच हो’: अब हिन्दू संगठन भी पहुँचे सुप्रीम कोर्ट, सौंपी भड़काऊ बयान वाले मुस्लिम नेताओं की लिस्ट

हिन्दू संगठनों ने माँग की है कि अगर सुप्रीम कोर्ट मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच की जाँच कर रहा है तो उसे हिंदुओं के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की भी जाँच करनी चाहिए।

हरिद्वार की धर्म संसद में कथित हेट स्पीच के बाद वामपंथियों ने बड़ा बखेड़ा खड़ा करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रूख किया था, लेकिन अब मुस्लिमों नेताओं और मौलवियों के हिंदू विरोधी (Anti hindu speech) बयानों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी क्रम में दो दक्षिणपंथी संगठनों हिंदू सेना और हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मुस्लिमों के नफरत भरे बयानों से बचाने की गुहार लगाई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में मुस्लिमों नेताओं को हेट स्पीच के लिए गिरफ्तार करने की माँग की है। इसमें AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अमानतुल्ला खान और वारिस पठान जैसे कई के खिलाफ हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी के आरोप में गिरफ्तारी की माँग की गई है।

जबकि, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने अपनी याचिका में माँग की है कि अगर सुप्रीम कोर्ट मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच की जाँच कर रहा है तो उसे हिंदुओं के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की भी जाँच करनी चाहिए। हिंदू संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से हिंदुओं और हिंदू देवी-देवताओं को लेकर दिए गए नफरती बयानबाजी की जाँच के लिए एसआईटी के गठन करने की माँग की है। संगठन ने इस मामले की जाँच के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।

हेट स्पीच की तैयार की लिस्ट

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पहले हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस संगठन ने एक लिस्ट बनाई है, जिसमें मुस्लिम नेताओं, मौलवियों द्वारा हिंदुओं के खिलाफ की गई बयानबाजी का जिक्र किया गया है। याचिका में AIMIM के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान के हिंदुओं के खिलाफ दिए गए भाषणों को भी शामिल किया गया है। जिसमें साल 2013 में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया था और हिंदुओं को धमकाते हुए कहा था, “हम (मुसलमान) 25 करोड़ हैं और तुम (हिन्दू) 100 करोड़ हो। पुलिस को 15 मिनट के लिए हटा दें और परिणाम देखें।”

इसी तरह से पश्चिम बंगाल के एक मौलवी के भाषणों का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें वो कहता है, ”अगर रोहिंग्याओं को निर्वासित किया गया तो वे लाखों लोगों को जान से मार देंगे।” हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने वकील विष्णु शंकर जैन के जरिए कहा है कि मुस्लिम नेताओं के भड़काऊ बयानों से हिंदू अशांत और डरे हुए हैं। इस तरह के बयान मुस्लिम लीग की यादों को ताजा करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश का विभाजन हुआ था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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