Saturday, November 16, 2024
Homeदेश-समाजभारत बना पीपीई मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा हब, विदेशों में बढ़ी...

भारत बना पीपीई मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा हब, विदेशों में बढ़ी पीपीई किट की डिमांड

मौजूदा समय में भारत में 106 मैन्युफैक्चरर पीपीई किट बनाने का काम कर रहे हैं। ये पीपीई किट किसी और देश के मुकाबले में कम लागत पर और बेहतरीन क्वालिटी के बनाए जा रहे हैं।

कोरोना काल में भारत अब दुनियाभर में पीपीई किट का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता यानी मैन्युफैक्चरर बन गया है। इस बात की जानकारी गुरुवार (21मई,20) को सरकार द्वारा दी गई।

कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में पिछले दो महीनें में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) किट की माँग तेजी से बढ़ी है। जिसको देखते हुए भारत ने इसके प्रोडक्शन में इतनी तेज़ी से काम किया कि आज भारत दुनिया में चीन के बाद पीपीई किट बनाने वाला दूसरा देश बन गया है।

पहले इस किट के लिए भारत चीन और अमेरिका पर निर्भर रहता आया है। और अभी हाल ही में चीन द्वारा भेजे गए खराब क्वालिटी के पीपीई किट की वज़ह से भारत को काफ़ी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा था। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन से मिली मंजूरी के बाद भारत में अब किट तैयार की जाने लगी हैं।

सिर्फ़ दो महीने के भीतर ही भारत पीपीई किट बनाने में इतना काबिल हो गया है कि अब विदेशों में भी इसकी डिमांड आए दिन बढ़ती चली जा रही है। यहाँ तक कि कई एयरलाइंस कंपनियों से भारत को बड़े ऑर्डर हासिल हुए हैं।

मौजूदा समय में भारत में 106 मैन्युफैक्चरर पीपीई किट बनाने का काम कर रहे हैं। ये पीपीई किट किसी और देश के मुकाबले में कम लागत पर और बेहतरीन क्वालिटी के बनाए जा रहे हैं।

कपड़ा मंत्रालय द्वारा जारी बयान

कपड़ा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने पीपीई की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यही कारण है कि भारत दो महीने से भी कम समय में पीपीई का दूसरा सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर बन गया है। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं कि पूरी आपूर्ति श्रृंखला में केवल प्रमाणित कम्पनियाँ ही पीपीई की आपूर्ति करें। अब कपड़ा समिति, मुंबई भी स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य अन्य कोविड-19 योद्धाओं के लिए आवश्यक पीपीई की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन करेगी।

प्रधानमंत्री द्वारा पहले ही दी गई थी जानकारी

भारत में कोरोना संकट से पहले एक भी पीपीई किट और एन-95 मास्क नहीं बनता था, लेकिन अब हर दिन दो लाख पीपीई किट और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। ये जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन के दौरान 12 मई को देश के नाम संबोधन करते हुए साझा किया था।

पीपीई किट की कमी के कारण देश में काफ़ी राजनीति हुई थी। विपक्षी दलों और खासकर कॉन्ग्रेस ने कई बार पीपीई किट की कमी का मुद्दा उठाकर सरकार पर निशाना साधा था और इसे सरकार की नाकामयाबी भी बताया था। लेकिन अब इन सारी राजनीति पर पानी फिर गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -