अयोध्या में एक सैनिक पर ईसाई बनने के लिए दबाव डालने का मामला सामने आया है। पीड़ित सैनिक ने इस संबंध में FIR दर्ज करवाई है। रक्षा मंत्रालय को भी शिकायत भेजी है। पीड़ित जवान भारतीय सेना की सिग्नल कोर में नायब सूबेदार के पद पर तैनात हैं।
उन्होंने अपनी शिकायत में पादरी आशीष कुमार पीटर पर पीटने और गाली देने का आरोप लगाया है। कथित तौर पर पादरी सेना में लगने वाले हर हर महादेव, राजा रामचंद्र की जय, जय भवानी जैसे युद्धघोषों को बंद कराने के लिए उकसाता है। इस संबंध में अयोध्या के कोतवाली थाना में 26 अगस्त 2023 को केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
पीड़ित जवान के पिता भी भारतीय सेना के MES विभाग से साल 2015 में रिटायर हुए थे। शिकायत में सैनिक ने बताया कि उनके पिता ने रिटायरमेंट के बाद शहर में घर बनवाने का फैसला किया। सैनिक के पिता को एक पुराने मित्र ने प्रॉपर्टी डीलर बता कर आशीष कुमार पीटर उर्फ जॉनी नाम के पादरी से मिलवाया।
पादरी आशीष पीटर अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से सटे मोदहा इलाके में बने एफजी मिशन चर्च में रहता है। पीड़ित नायब सूबेदार के पूर्व सैनिक पिता से जॉनी पीटर के साथ श्याम शंकर पीटर और सचिन चौधरी नाम के दो अन्य लोग भी खुद को प्रॉपर्टी डीलर बताकर मिले थे। इन सभी ने मिल कर चर्च से सटी एक जमीन की बिक्री के लिए उनसे करीब 20 लाख रुपए लिए थे।
शिकायत के अनुसार पैसे लेने के बाद पादरी पीटर ने पीड़ित जवान और उनके पिता का फोन उठाना बंद कर दिया। अपने पिता को परेशान देख कर नायब सूबेदार छुट्टी लेकर घर आए। 25 जुलाई 2023 को पादरी से पैसे माँगने वे चर्च गए। कथित तौर पर यहाँ पादरी आशीष पीटर और श्याम शंकर पीटर ने मिलकर उन्हें बेरहमी से मारा। आरोप है कि माँ-बहन की गालियाँ देते हुए सैनिक से कहा कि यदि पैसे वापस चाहिए तो ईसाई बनना पड़ेगा। इस घटना के बाद से पीड़ित जवान और उनका परिवार बेहद डरा और मानसिक तनाव में है।
पीड़ित सैनिक के मुताबिक उनकी पत्नी का इलाज भी मिलिट्री हॉस्पिटल में चल रहा है। उनका दावा है कि पादरी के साथ किए गए सारे लेनदेन के सबूत उनके पास हैं। पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 420, 406, 323, 504 और 506 के तहत FIR दर्ज कर ली है। FIR में आशीष पीटर, सचिन चौधरी और पीड़ित के पिता को पादरी से मिलवाने वाले रामचंद्र प्रजापति को नामजद किया गया है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। हालाँकि 15 दिन से अधिक बीत जाने पर भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दुनिया में होगा सिर्फ ईसाइयों का राज
4 सितंबर 2023 को पुलिस में दर्ज करवाए गए अपने बयान में पीड़ित नायब सूबेदार ने बताया है कि 25 जुलाई 2023 को जब वे पादरी आशीष पीटर के पास गए तो उन्हें लालच दिया गया। पादरी ने कहा, “तुम्हारे हिन्दू धर्म में क्या रखा है। आने वाले समय में ईसाइयों का ही दुनिया पर राज होगा।” साथ ही पादरी ने ईसाई बनने पर बिना पैसे जमीन देने का लालच दिया।
सेना के युद्धघोष से चिढ़
पीड़ित नायब सूबेदार ने अपने बयान में आगे बताया कि पादरी आशीष पीटर ने उनसे भारतीय सेना द्वारा युद्ध काल में लगाए जाने वाले नारों के बारे में भी उलटी-सीधी बातें की। आरोप है कि पादरी ने जय काली माता, बजरंग बली की जय, जय ज्वाला माता और कुछ अन्य नारों को बंद करवाने की कसमें खाने लगा। नायब सूबेदार को मुँहमाँगा पैसा देने का लालच देते हुए ऐसे सैनिको को अंदर ही अंदर तैयार करने में मदद माँगी जो इन नारों को बंद करवाने की आवाज उठाएँ।
सवर्ण बिरादरी के सैनिकों के खिलाफ भड़काया
पुलिस को दिए गए बयान और शासन को भेजी गई शिकायत में पीड़ित सैनिक ने बताया कि पादरी उन्हें बार-बार OBC समुदाय का बता रहा था। उसने सेना में मौजूद सवर्ण समुदाय के सैनिको के खिलाफ भी पीड़ित को उकसाया।
चर्च में घेरकर पीटने का आरोप
पीड़ित सैनिक ने अपने बयान में बताया है कि वो देश को सर्वोपरि मानते हैं और पादरी की बातें सुन कर उन्होंने उसे जेल भिजवाने की चेतावनी दी। इस बात से नाराज होकर पादरी ने चर्च के बाकी सहयोगियों के साथ घेर कर उन्हें मारा और कहा कि वह पुलिस को कुछ भी नहीं समझता है। पुलिस में शिकायत वाली चेतावनी पर जॉनी पीटर ने कहा, “पुलिस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। ईसाइयों की ताकत देखनी है तो जाकर फतेहपुर के पुलिस अधिकारियों से हाल पता कर लेना।”
पीड़ित सैनिक ने इस बात पर आश्चर्य जताया है कि उनकी शिकायत पर दर्ज एफआईआर में पुलिस ने पादर के खिलाफ धर्मान्तरण की धारा नहीं लगाई है।
सैनिक के पिता को पादरी बनाने का ऑफर
पीड़ित जवान के पिता व पूर्व सैन्यकर्मी ने भी 4 सितंबर 2023 को पुलिस में अपने बयान दर्ज करवाए हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ पादरी ने पहले जमीन दिलाने के नाम पर प्रॉपर्टी डीलर बनकर 20 लाख रुपए की ठगी की। जब रिटायर्ड सैन्यकर्मी ने अपने पैसे वापस माँगे तो उन्हें चर्च में पादरी बनाने का लालच दिया गया। बयान में पीड़ित नायब सूबेदार के पिता ने बताया है, “आशीष पीटर उर्फ़ जॉनी ने कहा कि तुम्हें चर्च का पादरी बनाऊँगा। यहाँ पर ही अपना घर बना कर रहो और चर्च का पूरा देखभाल करो।”
चर्च की वैधता पर सवाल
पीड़ित सैनिक ने ऑपइंडिया को बताया कि आरोपित पादरी जॉनी पीटर का चर्च फ्री गोस्पल मिशन एन्ड चर्च नाम की सोसायटी के रजिस्ट्रेशन पर चलता है। यह संस्था 23 जनवरी 1984 में रजिस्टर्ड हुई थी, जिसकी वैधता 1 सितंबर 2016 तक थी। संस्था के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर रजिस्ट्रार के दस्तखत हैं। नायब सूबेदार ने आशंका जताई है कि वर्तमान में यह चर्च बिना अपने सर्टिफिकेट को रिन्यूवल कराए संचालित हो रहा है। पीड़ित सैनिक ने चर्च की वैधता पर सवाल खड़े किए और उसे सरकारी जमीन पर जबरन कब्ज़ा बताया है।
जिस जगह यह चर्च बना हुआ है, वहाँ से रामजन्मभूमि की सड़क मार्ग से दूरी महज 6-7 किलोमीटर है। ट्रेन से अयोध्या आने वाले अधिकतर यात्री और अन्य लोग चर्च के बगल मौजूद स्टेशन पर उतरते हैं। ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़ित सैनिक ने बताया कि उन्होंने पुलिस में दर्ज करवाए गए बयान की कॉपी शिकायत रक्षा मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, DGP सहित कई अन्य सक्षम लोगों को भी भेजी है।
ऑपइंडिया ने चर्च के सर्टिफिकेट रिन्यूवल और सैनिक द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर पादरी आशीष पीटर उर्फ़ जॉनी का पक्ष जानने के लिए उन्हें कॉल किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। ऑपइंडिया ने इस मामले में अयोध्या सिटी डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह को सम्पर्क किया। DSP शैलेन्द्र सिंह ने हमें बताया कि जिन धाराओं में पादरी पर केस दर्ज हैं, उनमें नियमनुसार गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि केस में जाँच जारी है।