Sunday, October 6, 2024
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हिंदू आतंकवादी, शिवसेना डकैत: इंदौर के लॉ कॉलेज में चल रहा लव जिहाद का पाठ, हिंदूविरोधी किताबें न पढ़ने पर काटे जाते हैं नंबर

कॉलेज की एक छात्रा ने बताया, "हमारे एक प्रोफेसर हैं अमीक सर, वो लड़कियों को अपने साथ मूवीज, पब, डिस्को और कैफे ले जाते हैं। सर उन्हें लेट नाइट मैसेज करते हैं, लव ईमोजी भेजते हैं। उनका बिहेवियर लड़कियों को आकर्षित करने वाला रहता है। यहाँ पर सबसे ज्यादा लव जिहाद को बढ़ावा मिल रहा है। हमारी क्लास में भी ऐसे बच्चे हैं जो इसे बढ़ावा दे रहे हैं।"

मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में हिंदुओं के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने और हिंदू लड़कियों को लव जिहाद में फँसाने का छात्राओं द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद मामला गर्मा गया है। छात्र संगठन ABVP की शिकायत के बाद कॉलेज के 6 प्रोफेसरों को 5 दिन के लिए छुट्टी पर भेज दिया गया है और मामले की जाँच के लिए एक समिति गठित की गई है।

कॉलेज के छात्रों का आरोप है कि लाइब्रेरी में ऐसी किताबें रखी गई हैं, जिनमें हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखी हुई है। किताब में लिखा है- हिंदू मुख्य आतंकवादी हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में धारा-370 को सही बताते हुए विश्व हिंदू परिषद, RSS को लेकर विवादास्पद बातें लिखी गई हैं।

छात्रों का कहना है कि डॉ. फरहत खान के नाम से लिखी गई इन किताबों को लाइब्रेरी में किसके कहने पर रखा गया, इसकी जाँच होनी चाहिए। इसके साथ ही छात्रों ने लेखिका, प्राचार्य, प्रोफेसर डॉ. मिर्जा मोईज, प्रो. सुहैल अहमद वानी और प्रो. अमीक खोखर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की माँग की है। इस मामले में छात्रों ने भँवरकुआ थाने में शिकायत दी है और साथ में किताब को सबूत के तौर पर भी पेश किया है।

इतना ही नहीं, इस लॉ कॉलेज में हिंदू लड़कियों को भी टारगेट कर लव जिहाद में फँसाने की बात सामने आई है। छात्रों ने कॉलेज परिसर में अनुशासनहीनता और धार्मिक कट्टरता फैलाने को लेकर प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान से शिकायत की थी। मामला बढ़ने के बाद इस पर प्रिंसिपल ने अब कार्रवाई की बात कही है।

इस मामले में राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि अगर कोई दोषी है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉ. फरहत खान द्वारा लिखी गई किताब की 24 घंटे में जाँच कर FIR दर्ज करने के निर्देश इंदौर के कमिश्नर को दिए गए हैं।

क्या लिखा है किताब में

फरहत खान द्वारा लिखित ‘सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति’ में कई सारी कट्टरता वाली बातें लिखी गई हैं। उसमें लिखा गया है, “पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, बर्मा में सांप्रदायिकता का संघर्ष नहीं है। शासन तो वहाँ भी सैकड़ों वर्ष अंग्रेजों का रहा था और अमेरिका का हस्तक्षेप आज भी इनकी सत्ता पर रहता है। आज सारे हिंदू संगठन एक स्वर से मुसलमानों के कश्मीर में धारा 370 लगाकर विशेष सुविधाएँ देने का विरोध यह कहकर करते हैं कि कश्मीर में उग्रवाद धारा 370 के कारण ही पनप रहा है।”

किताब में आगे लिखा है, “यदि इनसे पूछा जाए कि पंजाब में उग्रवाद क्यों है, बिहार, उत्तर प्रदेश, असम में जहाँ हिंदू उग्रवाद है, वहाँ भी धारा 370 नहीं लगी है। हिंदू कहते हैं कि समान नागरिक संहिता की बात कहकर हम मुसलमानों के कानून में सुधार करना चाहते हैं, जो नारी के विरुद्ध है। यदि उनसे पूछा जाए कि आप अपने व्यक्तिगत कानून को और भी शास्त्रों के कानून को क्यों लागू करना चाहते हैं, जो शूद्र स्त्री और गैर हिंदुओं के विरुद्ध है। पहले हिंदुओं को अपने सिविल कोड में सुधार की बात करनी चाहिए।”

किताब में और आगे लिखा है, “उपरोक्त संक्षिप्त विवरण में हमने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसकी परिवार की संस्थाओं के क्रियाकलाप पर प्रकाश डाला। हिंदुओं के जितने भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संगठन बने हैं। उनका एक मात्र उद्देश्य देश के मुसलमानों का विनाश करना है और शूद्रों को दास बनाना है। हिंदू पद पादशाही कायम करना है और हिंदू राजतंत्र का शासन वापस लाकर ब्राह्मण को पृथ्वी का देवता बनाकर पूज्य बनाना है।”

फरहत ने अपनी किताब में विश्व हिंदू परिषद को टारगेट करते हुए लिखा है, “विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन हिंदू बहुमत का राज्य स्थापित करना चाहते हैं। दूसरे समुदायों को शक्तिहीन बनाकर गुलाम बनाना चाहते हैं। पंजाब में सिखों के खिलाफ शिवसेना जैसे त्रिशूलधारी नए संगठनों ने मोर्चा बना लिया है। अपनी सांप्रदायिक गतिविधियों को मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों से संचालित करने लगे हैं। शिवसेना हिंदू राष्ट्र का नारा दे रही है, जो पूरे सिख समाज के विरुद्ध हैं।”

झूठे प्रोपेगेेंडा को बढ़ाते हुए इसमें आगे कहा गया है, “अब शिवसेना के नौजवान सिखों के घरों में डकैती और अनजानी घटनाएँ कर रहे हैं। यहाँ तक कि निर्दोष सिखों की हत्याएँ भी कर रहे हैं। हिंदू शिव सेना के लोगों ने बैंक में डकैतियाँ भी डाली हैं। पंजाब में जो कुछ हो रहा है, पंजाबी और उर्दू अखबार ही सही लिखते हैं और हिंदी अखबार झूठ। पंजाब का सच आज यह है कि मुख्य आंतकवादी हिंदू हैं और सिख प्रतिक्रिया में आतंकवादी बन रहा है।”

छात्रों का कहना है कि इन किताबों को पढ़ने के लिए उन पर दबाव बनाया जाता है। अगर परीक्षा में उन किताबों का रेफरेंस देकर उत्तर नहीं लिखा जाता है तो नंबर काट लिए जाते हैं और उन्हें पास नहीं होने दिया जाता है। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज के तार कई राष्ट्र विरोधी संगठनों से जोड़कर षड्यंत्रकारी छात्रों का ब्रेनवॉश किया जा रहा है। संगठनों में आगे की ट्रेनिंग लेने के लिए भी यहाँ के छात्रों को उकसाया जा रहा है।

हिंदू लड़कियों को किया जाता है टारगेट

दैनिक भास्कर को नाम नहीं छापने की शर्त पर कॉलेज की छात्राओं से बातचीत की। उन्होंने बताया कि क्लास में मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों को टारगेट करते हैं। फर्स्ट और सेकंड सेमेस्टर में हिंदू लड़कियों को लव जिहाद में फँसाने का काम होता है और इसमें मुस्लिम लड़कियाँ मददगार बनती हैं।

लड़कियों ने बताया कि मुस्लिम लड़कियाँ नई आईं इन हिंदू लड़कियों को मुस्लिम लड़कों से परिचय करवाती हैं। बाद में दोनों के बीच फोन नंबर आदान-प्रदान होता है और बातचीत होने लगती है। बाहर से पढ़ने के लिए इंदौर आई हिंदू लड़कियाँ इनका सॉफ्ट टारगेट होती हैं।

हॉस्टल में रहने वाली एक लड़की ने बताया कि उसे एक लड़के ने परेशान करके रखा है। लड़के का कहना है कि उससे या सर से कमिटेड होना पड़ेगा। अपना धर्म बदल लो और निकाह कर लो। कॉलेज की छात्राओं ने बताया कि जिन लड़कियों से मुस्लिम लड़कों की दोस्ती हो जाती है, वे उन्हें बाहर घुमाने ले जाते हैं।

लड़कियों का कहना है कि अगर कोई छात्रा इसकी शिकायत कॉलेज प्रशासन से करती है तो उसे परेशान किया जाता है। यहाँ तक कि कॉलेज के इंटरनल परीक्षा में कम नंबर दिए जाते हैं। इससे डर कर लड़कियाँ चुप रहती हैं। वहीं, हिंदू टीचर भी नौकरी के चक्कर में आवाज नहीं उठाते हैं।

प्रोफेसर ने हिंदू लड़कियों पर रखते हैं गंदी नजर

कॉलेज की एक छात्रा ने बताया, “हमारे एक प्रोफेसर हैं अमीक सर, वो लड़कियों को अपने साथ मूवीज, पब, डिस्को और कैफे ले जाते हैं। सर उन्हें लेट नाइट मैसेज करते हैं, लव ईमोजी भेजते हैं। उनका बिहेवियर लड़कियों को आकर्षित करने वाला रहता है। यहाँ पर सबसे ज्यादा लव जिहाद को बढ़ावा मिल रहा है। हमारी क्लास में भी ऐसे बच्चे हैं जो इसे बढ़ावा दे रहे हैं।”

छात्रा ने बताया कि कॉलेज के ही एक मिर्जा सर हैं, जो सरकार की नई शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं। छात्रा का कहना है कि वे छात्रों को इसके विरोध के लिए उकसाते हैं और उनसे कागज पर इसके विरोध में हस्ताक्षर ले रहे हैं।

एक अन्य छात्रा ने बताया, “कॉलेज की कई स्टूडेंट ऐसी हैं, जो सर के साथ कैफे, पब और मूवी देखने बाहर जाती हैं। सोशल मीडिया पर स्टोरी भी अपलोड की गई हैं। टीचर पढ़ाने की जगह लड़कियों को क्लब और पब लेकर जाते हैं। इंटरनल मार्क्स का हवाला देकर छात्राओं पर दबाव डाला जाता है।”

कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष अभाविप के दीपेन्द्र सिंह ठाकुर ने इतिहास में जब मुगलों के बारे में पढ़ाने की बात आती है तो वे उनका महिमामंडन करते हैं। बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं। वहीं, हिन्दू राजाओं के बारे में बात करते समय उनकी उपलब्धियों की चर्चा भी नहीं करते हैं।

वहीं, ABVP के प्रांत मंत्री घनश्याम सिंह चौहान का कहना है कि परिसर में धार्मिक कट्टरता फैलाने को लेकर प्राचार्य को पहले मौखिक शिकायत दी गई थी, लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। छात्राओं पर पब और कैफे जाने के लिए शिक्षकों द्वारा दबाव बनाया जाता है। खुद छात्राओं ने प्राचार्य को इसकी जानकारी दी है। कॉलेज प्रशासन ने मामले में जाँच की बात कही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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