Saturday, June 21, 2025
Homeदेश-समाज'मौत का वक्त याद करो जब कब्र में उतारी जाओगी': कश्मीर में सिर नहीं...

‘मौत का वक्त याद करो जब कब्र में उतारी जाओगी’: कश्मीर में सिर नहीं ढँकने पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर 20 साल की RJ

यासिर नाम के एक शख्स ने कहा कि एक समय था जब बारामूला को छोटा पाकिस्तान कहा जाता था। यह शर्म की बात है कि पश्चिमी संस्कृति ने इस क्षेत्र को जकड़ लिया है। वहीं, आसिफ राजा ने सवाल किया कि क्या आरजे बनने के लिए दुपट्टा हटाना जरूरी था?

जम्मू-कश्मीर के बारामूला की 20 वर्षीय समानिया भट्ट उत्तरी कश्मीर की सबसे कम उम्र की महिला रेडियो जॉकी (RJ) हैं। उन्होंने हाल ही में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, बारामूला से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन पूरा किया है। इसके बाद उन्होंने बारामूला के सोपोर में स्थित रेडियो चिनार 90.4 एफएम में नौकरी हासिल की। इस उपलब्धि के लिए जहाँ कुछ लोग समानिया की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कट्टर इस्लामवादियों ने उन्हें निशाने पर ले लिया है।

जब से समानिया भट्ट को सबसे कम उम्र की रेडियो जॉकी के रूप में नियुक्त किया गया और उनके एक शो ‘हल्ला बोल विद आरजे समानिया’ की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं, तब से इस्लामवादी और कट्टरपंथी सोशल मीडिया पर उनको निशाना बना रहे हैं। अधिकांश हमले उनकी पोशाक और सीआरपीएफ के रेडियो स्टेशन पर उनकी नियुक्ति को लेकर किए जा रहे हैं।

यासिर नाम के एक शख्स ने कहा कि एक समय था जब बारामूला को छोटा पाकिस्तान कहा जाता था। यह शर्म की बात है कि पश्चिमी संस्कृति ने इस क्षेत्र को जकड़ लिया है। वहीं, आसिफ राजा ने सवाल किया कि क्या आरजे बनने के लिए दुपट्टा हटाना जरूरी था? जावेद ने भी उन्हें टारगेट किया और भट्ट पर अपनी दकियानूसी सोच थोपने का प्रयास किया।

प्रिंस आशु नाम के एक यूजर ने ‘लानत’ लिखते हुए कहा, “उसे दीन के बारे में बात करनी चाहिए थी।” गाशु नाम के एक अन्य यूजर ने कहा, “हम कश्मीरी लोग उसकी सफलता की निंदा करते हैं, क्योंकि वह सीआरपीएफ समर्थित रेडियो स्टेशन में काम कर रही है।”

समानिया भट्ट पर किए गए कमेन्ट

हाल ही में समाचार एजेंसी एएनआई को समानिया ने बताया, “बचपन से पत्रकारिता मेरा जुनून था। मैं तीन साल से ‘कश्मीर डिस्पैच’ के साथ काम कर रही हूँ और जमीनी स्तर पर भी काम किया है। जब मुझे पता चला कि रेडियो चिनार का उत्तर कश्मीर में पहला रेडियो स्टेशन होगा, मैंने इसमें ट्राई करने के बारे में सोचा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं रेडियो जॉकी बनूँगी या मैं कभी भी रेडियो स्टेशन में काम करूँगी।”

वह रेडियो चिनार पर ‘हल्ला बोल विद आरजे समानिया’ (Halla Bol with RJ Samaniya) नाम से एक प्रोग्राम चलाती हैं। रेडियो चिनार के प्रमुख साहिल मुजफ्फर ने बताया, “समानिया सोपोर व बारामूला की सबसे कम उम्र की महिला आरजे हैं, जो हमारी टीम की सदस्य हैं।” समानिया ने अपने संदेश में लड़कियों से कहा, “डरो मत और करते रहो अगर आपके पास काम करने का जुनून है तो आपको कोई रोक नहीं सकता।”

रेडियो चिनार: कश्मीर में सेना का पहला रेडियो स्टेशन

मार्च 2021 में भारतीय सेना ने सोपोर, बारामूला, उत्तरी कश्मीर में अपना पहला कॉम्यूनिटी रेडियो स्टेशन ‘रेडियो चिनार’ लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य सेना और कश्मीर के लोगों के बीच की खाई को पाटना था। इसमें हंदवाड़ा, वाटलाब, सोपोर, बांदीपोरा, मानसबल, पट्टन, डेलिना और बारामूला जैसे महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कैसे मेरे स्कूल का ‘सब्जेक्ट’ बन गया वैश्विक ‘जन आंदोलन’: जानिए मोदी सरकार में योग को लेकर कैसे बदली सोच, अनुभव एक Delhite गर्ल...

मोदी सरकार के कार्यकाल में लोगों में कैसे बदला है योग के प्रति नजरिया। 15 साल पहले योग को कैसे देखा जाता था और अब क्या बदलाव आए हैं।

जिस चेनाब ब्रिज ने बदली कश्मीरियों की जिन्दगी, जिसमें लगा भारतीयों का ₹1400 करोड़ टैक्स का पैसा: उसमें ब्रिटिश चैनल को दिखता है ‘सैन्य...

ब्रिटिश मीडिया चैनल 4 ने चेनाब पर बनाए नए ब्रिज और श्रीनगर के जाम को खत्म करने के लिए बनाई गई जा रही रिंग रोड को लेकर प्रोपेगेंडा किया। 
- विज्ञापन -