Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजकश्मीरी पंडितों के लिए पोर्टल लॉन्च, कश्‍मीर घाटी में अपनी संपत्ति से संबंधित शिकायत-समाधान...

कश्मीरी पंडितों के लिए पोर्टल लॉन्च, कश्‍मीर घाटी में अपनी संपत्ति से संबंधित शिकायत-समाधान के लिए जाएँ यहाँ

13 अगस्त को जम्मू-कश्मीर प्रशासन के राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण (DMRRR) विभाग को कश्‍मीर घाटी में प्रवासियों की अचल संपत्ति की मौजूदा स्थिति को लेकर ऑनलाइन पोर्टल विकसित करने को कहा था, ताकि अतिक्रमण हटाया जा सके।

जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकार ने उन लोगों की संपत्ति से अतिक्रमण हटाने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जो घाटी में आतंकी घटनाओं के कारण कभी अपना सब कुछ छोड़ कर वहाँ से पलायन कर गए थे। इस बाबत जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीरी प्रवासियों के लिए कश्मीर में उनकी संपत्तियों से संबंधित शिकायतों को दर्ज कराने के लिए एक ऑनलाइन सेवा शुरू की है। 

यदि आपके साथ इससे संबंधित कोई शिकायत है तो आप www.jkmigrantrelief.nic.in/ पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आपको एक ऑनलाइन प्रपत्र भरना होगा। यह सेवा प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग अपने लोक शिकायत पोर्टल के द्वारा प्रदान कर रहा है। आप जिस केन्द्रीय सरकारी मंत्रालय/ विभाग या राज्य सरकार विभाग में अपनी शिकायत दर्ज करना चाहते हो, आपको उसका चयन करना होगा एवं अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, शिकायत के प्रारूप इत्यादि का भी विवरण देना होगा। आप इससे संबंधित आलेख पीडीएफ प्रारूप में संलग्न कर सकते हैं।

गौरतलब है कि 13 अगस्त को जम्मू-कश्मीर प्रशासन के राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण (DMRRR) विभाग को कश्‍मीर घाटी में प्रवासियों की अचल संपत्ति की मौजूदा स्थिति को लेकर ऑनलाइन पोर्टल विकसित करने को कहा था, ताकि अतिक्रमण हटाया जा सके। इसके जरिए रिकॉर्ड या सीमांकन में सुधार, धोखाधड़ी या प्रलोभन के जरिए अतिक्रमण हटाने के संबंध में आवेदन दाखिल किए जा सकेंगे।

प्रशासन ने चेताया था कि जम्मू-कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति कानून के किसी भी उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिनमें संपत्तियों से कब्जा हटाने, उल्लंघन करने वालों को हिरासत में लेने जैसे कदम शामिल हैं। प्रवासियों की संपत्तियों के संरक्षण के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि पोर्टल पर दिए गए आवेदन का लोक सेवा गारंटी कानून, 2011 के तहत राजस्व अधिकारी निश्चित समय सीमा के भीतर निपटारा करेंगे।

इस संबंध में जारी आदेश में स्‍पष्‍ट कहा गया था कि सक्षम प्राधिकारी (जिला मजिस्ट्रेट) प्रवासी संपत्तियों का सर्वेक्षण या जमीनी सत्यापन करेंगे और 15 दिनों के भीतर सभी रजिस्टर को अपडेट करेंगे तथा कश्‍मीर के संभागीय आयुक्त को अनुपालन रिपोर्ट सौंपेंगे। धार्मिक संपत्तियों के संबंध में जम्मू-कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति (संरक्षण) कानून, 1997 के किसी भी उल्लंघन, बेदखली पर कार्रवाई के लिए जिला मजिस्ट्रेट संज्ञान लेंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

एस-400 ‘सुदर्शन’ का दिखा दम: दुश्मनों के हमलावर ‘पैकेज’ का 80% हिस्सा किया साफ, IAF हुई और भी ताकतवर

भारतीय वायुसेना ने अपने एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली का नाम पौराणिक संदर्भ में 'सुदर्शन' रखा है।

पुलिस ने की सिर्फ पूछताछ, गिरफ्तार नहीं: हज पर मुस्लिम महिलाओं के यौन शोषण की आवाज उठाने वाले दीपक शर्मा पर कट्टर इस्लामी फैला...

दीपक शर्मा कहते हैं कि उन्होंने हज पर महिलाओं के साथ होते व्यवहार पर जो ट्वीट किया, वो तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने पुलिस को भी यही बताया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -